scriptलोकसभा चुनाव 2019: मोदी के सामने बड़ी चुनौती, कांग्रेस के अलावा छोटे गठबंधन डाल सकते हैं जीत में रोड़ा | Apart from Congress small party colliation can give Challenge To Modi | Patrika News

लोकसभा चुनाव 2019: मोदी के सामने बड़ी चुनौती, कांग्रेस के अलावा छोटे गठबंधन डाल सकते हैं जीत में रोड़ा

locationनई दिल्लीPublished: Feb 14, 2019 03:13:07 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

यूपी में बसपा-सपा का गठबंधन पहले ही हो चुका है, वहीं कई राज्यों में छोटे दल मिलकर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं

modi

लोकसभा चुनाव 2019: मोदी के सामने कड़ी चुनौती, कांग्रेस के अलावा छोटे गठबंधन डाल सकते हैं जीत में रोड़ा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के लिए 2019 लोकसभा चुनाव महासमर की तरह होगा। इस लड़ाई में उसे गठबंधनों से कड़ा मुकाबला करना होगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां हर पार्टी अपने स्तर पर मोदी को चुनौती देती दिख रही थीं। वहीं अब यह मिलकर मोदी से मुकाबला करने की तैयारी कर रहीं हैं। यूपी में बसपा-सपा का गठबंधन पहले ही हो चुका है। वहीं कई राज्यों में स्थानीय पार्टियां मोदी के खिलाफ एकजुट हो रही हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस सर्वाधिक सीटों वाले राज्य यूपी में अकेले लड़ रही है और इस बार राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी भी पार्टी की अगुवाई करेंगी। पार्टी ने प्रियंका को महासचिव का पद सौंप कर दर्शा दिया है कि वह पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। ऐसे में अब देखना होगा कि इस चुनाव में क्या दोबारा मोदी मैजिक काम करेगा।
जीत से भी उत्साहित नजर आ रही कांग्रेस

कांग्रेस तीन राज्यों में जीत से भी उत्साहित नजर आ रही है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में पार्टी की जीत ने उसे बल दिया है। हालांकि इन राज्यों में जीत से उसे ताकत तो जरूर मिली है, मगर मोदी से खिलाफ जन आक्रोश खड़ा करने में वह अभी भी कामयाब नहीं हुई है। तीन राज्यों के परिणामों पर नजर डाले तो छत्तीसगढ़, छोड़कर बचे दो राज्योें में कांग्रेस की जीत का अंतर बहुत बड़ा नहीं है। हालांकि तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर लोकसभा में हार जीत का गणित बैठाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में कांटे की लड़ाई रही

पहले बात मध्यप्रदेश की करें तो वहां 15 साल बाद बीजेपी का राज खत्म हो गया है। लेकिन, 15 साल की एंटीइंक्मबेंसी के बावजूद बीजेपी को हराकर कांग्रेस ने उतनी बड़ी जीत दर्ज नहीं की जितनी की सामान्य तौर पर सत्ता के विरोध में होती रही है। मध्यप्रदेश में कांटे की लड़ाई रही जिसमें कांग्रेस ने 230 सीटों में से 114 सीटें दर्ज की जो कि बहुमत से 2 सीट कम रही। दूसरी तरफ, बीजेपी भी कांग्रेस के काफी करीब पहुंच गई। बीजेपी को कांग्रेस से पांच सीटें कम मिली और पार्टी 109 सीटों तक पहुंच सकी। कांग्रेस और बीजेपी के वोट प्रतिशत का अंतर भी काफी कांटे का था। कांग्रेस से 5 सीटें पीछे रहने के बावजूद बीजेपी का वोट प्रतिशत कांग्रेस के मुकाबले मामूली अंतर से ज्यादा रहा। कांग्रेस को 40.9 फीसदी वोट मिले जबकि बीजेपी को थोड़ा ज्यादा 41 फीसदी वोट मिले।

राजस्थान में बीजेपी को मिली सम्मानजनक हार

अब बात राजस्थान की करें तो राज्य में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस का वोट प्रतिशत 39.3 रहा। दूसरी तरफ, बीजेपी को 73 सीटों पर सफलता मिली और बीजेपी का वोट प्रतिशत 38.8 रहा। बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर तो 25 का रहा, लेकिन, वोट प्रतिशत महज 0.50 का रहा। राजस्थान के लिहाज से कांग्रेस के लिए यह जीत उतनी बड़ी नहीं है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां बीजेपी को बड़ी हार मिली है। कांग्रेस ने बीजेपी का पूरी तरह से सफाया कर दिया है। कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी के खाते में महज 15 सीटें ही गई हैं। वोट प्रतिशत के लिहाज से भी कांग्रेस काफी आगे है। कांग्रेस को 43 फीसदी जबकि बीजेपी को दस फीसदी कम यानी 33 फीसदी ही वोट मिला है।
2014 के प्रदर्शन को दोहरा पाना आसान नहीं

दरअसल, बीजेपी को इन तीनों राज्यों की कुल 65 लोकसभा सीटों में से 2014 के लोकसभा चुनाव में 61 सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में पार्टी पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कुछ इसी तरह के प्रदर्शन का दबाव रहेगा। उस वक्त 2013 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर था। तीनों राज्यों में एकतरफा जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी विजय रथ पर सवार थी। इस समय माहौल कुछ अगल है। मगर सवर्ण आरक्षण और अंतरिम बजट में आम जनता से जुड़े बड़े ऐलान दोबारा भाजपा के आने की आस जगाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो