सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे बिपिन रावत
सेना प्रमुख ने गुरुवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने ये सब बातें कहीं। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में अमरीका समेत कई देशों ने तालिबान से बातचीत का समर्थन किया है।
भारत ने तालिबान के साथ किया था मंच साझा
पिछले साल अफगानिस्तान में शांति के मुद्दे पर बातचीत के लिए रूस ने भारत को न्योता भी दिया था। भारत इसमें गैर-आधिकारिक रूप से शामिल भी हुआ था। यह पहली बार था जब भारत ने तालिबान के साथ मंच साझा किया। हालांकि, अफगानिस्तान के मामलों में भारत की आधिकारिक नीति तालिबान के साथ शामिल नहीं होने की रही है। जबकि अमेरिका, रूस, ईरान और पाकिस्तान हमेशा से तालिबान के साथ बातचीत में शामिल रहे हैं।
कश्मीर में आतंकियों के पास घर लौटने का है विकल्प- बिपिन रावत
बिपिन रावत ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि घाटी में अभी आतंकियों के पास घर लौट जाने का विकल्प है, कई आतंकियों ने शांति के रास्ते को अपनाया है। बिपिन रावत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात नियंत्रित करने की जरुरत है, सेना घाटी में नरमी और सख्ती दोनों अपना रही है।
इसके साथ ही जनरल रावत ने साफ कर दिया कि सेना में किसी भी तरह से समलैंगिकों को जगह नहीं दी जाएगी।