पड़ोसी देश प्रॉक्सी वार के फिराक में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि देश के उत्तर पूर्व में बाहर से अवैध आबादी आने के पीछे पड़ोसी देश है। जिसका मकसद पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) ने बनाई है और उसे उत्तरी पड़ोसी (चीन) का समर्थन हासिल है। वे हमेशा सुनिश्चित करना चाहेंगे कि इलाके में प्रॉक्सी युद्ध लड़ा जाए। एक आयोजित सेमिनार में आर्मी चीफ ने कहा कि जब सामने ज्यादा मजबूत देश हो और उससे परंपरागत तरीके से नहीं निपटा जा सकता है तो प्रॉक्सी तरीका अपनाया जाता है।
अवैध आबादी के पीछे वोट बैंक की राजनीति गौरतलब है कि कश्मीर की तरह इस इलाके को डिस्टर्ब रखने के लिए पाकिस्तान से आतंकवादी भेजे जाते रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि वहां पश्चिमी पड़ोसी यह खेल अच्छी तरह खेल रहा है। इस इलाके को डिस्टर्ब रखने के लिए अवैध आबादी भेजी जाती रहेगी। इस समस्या के पीछे वोट बैंक की राजनीति भी है। उन्होंने एयूडीफ नाम के राजनीतिक संगठन की ओर इशारा किया। गौरतलब है कि असम में एयूडीएफ संगठन मुस्लिमों के मुद्दे को उठाता रहा है। इन्हें बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आया समझा जाता है।
विकास के जरिए लोगों को जोड़ने की जरूरत नॉर्थ इस्ट में बांग्लादेशियों के आने पर आर्मी चीफ ने कहा कि मानव विकास के इंडेक्स में बांग्लादेश भले ही हमसे आगे हो, लेकिन वहां से आबादी आती रहेगी, क्योंकि वहां बाढ़ के कारण जमीन की कमी होती है। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं समझता है कि उत्तर पूर्व में आबादी का स्वरूप बदला जा सकता है। हमें सभी लोगों के साथ मिलकर रहना होगा। , चाहे वे किसी जाति, धर्म के लोग हो। अगर हमलोगों को अलग करने लगे तो समस्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वहां विकास के लिए लोगों को जोड़ना सबसे जरूरी है। सरकार विकास का ध्यान रख रही है, लेकिन मैं आज सद्भावना यात्रा पर मणिपुर से आए बच्चों से मिला। वे दिल्ली के आसपास घूमने गए थे, जहां उन्हें विदेशी समझा गया। उत्तर पूर्व के लोगों की पहचान की समस्या है, जबकि वे हमारे देश का हिस्सा हैं।’ इस दौरान आर्मी चीफ ने उत्तर पूर्व से आए एक शख्स से हुई बातचीत का किस्सा भी सुनाया।