उन्होंने कहा कि सेना का काम है युद्ध के लिए तैयार रहना, यह उसकी जिम्मेदारी भी है। कोई भी नई बात नहीं कह रहा है। हम भी तैयार रहते हैं। शांतिकाल में भी हम प्रशिक्षण के साथ ही किसी भी हालात के लिए तैयार रहते हैं। जनरल शनिवार को कोडुगू जिले के जिले के इस गांव में भारतीय सेना के पहले भारतीय प्रमुख फील्ड मार्शल के एम करियप्पा और जनरल के एस तिमय्या की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आए थे। फील्ड मार्शल करियप्पा की तरह ही जनरल तिमय्या भी कोडुगू जिले के रहने वाले थे और थलसेना प्रमुख भी रहे थे।
फील्ड मार्शल करिअप्पा को मिले भारत रत्न सम्मान
भारतीय सेना के प्रथम कमांउर इन चीफ एमके करिअप्पा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की मांग की गई है। यह मांग किसी ओर ने नहीं, बल्कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने की है। जनरल रावत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि भारतरत्न के लिए फील्ड मार्शल करिअप्पा के नाम को आगे बढ़ाया जाए। सुबैया ने कहा कि कर्नाटक सरकार और सेना की सिफारिश से करियप्पा के लिए भारत रत्न की मांग को बल मिलेगा।
भारतीय सेना के प्रथम कमांउर इन चीफ एमके करिअप्पा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की मांग की गई है। यह मांग किसी ओर ने नहीं, बल्कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने की है। जनरल रावत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि भारतरत्न के लिए फील्ड मार्शल करिअप्पा के नाम को आगे बढ़ाया जाए। सुबैया ने कहा कि कर्नाटक सरकार और सेना की सिफारिश से करियप्पा के लिए भारत रत्न की मांग को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि करियप्पा को भारत रत्न देने में नजरअंदाज किया गया है। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिया गया। अगर कोहली तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ देते हैं तो क्या उन्हें भी भारत रत्न दिया जायेगा। वे सचिन का विरोध नहीं कर रहे लेकिन करियप्पा जैसा नायक दूसरा नहीं है। जनरल रावत ने उन्हें सरकार की ओर से सिफारिश भेजने को कहा है। सेना अपनी ओर से यह मुद्दा उठाएगी और इसी साल करियप्पा को भारत रत्न देने की सिफारिश की जाएगी।