सूचीबद्ध होने पर ही सुनवाई संभव मनोहर लाल शर्मा ने शीर्ष अदालत से इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। लेकिन न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मुद्दे को पहले सीजेआई रंजन गोगोई के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मामला सूचीबद्ध होने के बाद ही इस पर सुनवाई संभव है।
जम्मू-कश्मीर: अब महबूबा और उमर से छिन सकता है सरकारी बंगला कर्फ्यू हटाने और नेताओं के रिहाई की मांग वहीं अधिवक्ता तहसीन पूनावाला की याचिका पर भी जस्टिस एनवी रमण ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस मामले में भी जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अनुच्छेद ( Article 370 ) के खिलाफ दायर याचिका लिस्टिंग के लिए पहले देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi ) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
अधिवक्ता तहसीन पूनावाला ने जम्मू एवं कश्मीर में कर्फ्यू हटाने, फोन, इंटरनेट सेवा और टीवी चैनल प्रसारण बहाल करने को लेकर शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दायर की थी। पूनावाला ने धारा 144 हटाने और नेताओं की रिहाई की भी मांग की थी।
अधिवक्ता पूनावाला ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग भी की थी। लेकिन अदालत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। अनुच्छेद 370 पर एक्शन के बाद बौखलाया पाक, सुरक्षाबलों पर फिदायीन हमले का खतरा
संशोधन गैरकानूनी
बता दें कि दो दिन पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को हटाने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अधिवक्ता शर्मा ने केंद्र सरकार पर अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए अनुच्छेद 367 में बदलाव की प्रक्रिया को गैर करानू करार दिया है।
बता दें कि दो दिन पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को हटाने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अधिवक्ता शर्मा ने केंद्र सरकार पर अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए अनुच्छेद 367 में बदलाव की प्रक्रिया को गैर करानू करार दिया है।
उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मुद्दे पर जारी अधिसूचना को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।