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संविधान का आर्टिकल 14 और 21 क्या बहु-विवाह पर लागू होगा: अरुण जेटली

locationनई दिल्लीPublished: Oct 07, 2018 12:17:25 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

बिना किसी धर्म का नाम लिए वित्त मंत्री बोले, ‘संविधान का आर्टिकल 14 और 21 बहु-विवाह पर लागू होगा?

arun jaitley

नक्सल गतिविधि पर अरुण जेटली बोले- सभी दलों को इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा

नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में लेकर देश में काफी चर्चा हो रही है। क्योंकि हाल ही में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में स्त्रिओं के प्रवेश को अनुमति दी है। इस फैसले को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। वहीं अब वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत को इस तरह के फैसले देने के समय सभी धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखना चाहिए। एक कार्यक्रम में अरुण जेटली ने कहा कि, “अगर आप एक प्रगतिशील कदम उठाना चाहते हैं तो इसका आधार सभी धर्म से जुड़ी प्रक्रियाओं पर होना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का पालन सभी धर्मों को करना होगा। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप परंपरा में चली आ रही एक प्रक्रिया को सिर्फ उसके सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में सोच कर छूट दें।” साथ ही अरुण जेटली ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में कहा कि सेक्सुअल पसंद को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप प्रगतिशील और साहसिक फैसले ले रहे हैं तो इसका आधार सभी के लिए एक समान होना चाहिए।
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संविधान का आर्टिकल 14 और 21 बहु-विवाह पर लागू होगा?: वित्त मंत्री
पेशे से वकील रहे वित्त मंत्री ने संविधान के आर्टिकल 14 को धार्मिक आधार पर देखने को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘अगर धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं को भी आर्टिकल 14 के तहत रखा जाता है तो यह पर्सनल लॉ पर भी लागू होना चाहिए। इस आधार पर क्या यह बहु-विवाह पर लागू होगा? मौखिक तौर पर तलाक के खिलाफ भी क्या यह लागू होगा? क्या यह ऐसे धार्मिक स्थल जहां महिलाओं का प्रवेश निषेध है, वहां पर भी आर्टिकल 14 का हवाला दिया जाएगा?’ बता दें कि सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म की उम्र सीमा वाली 10 वर्ष की बच्चियों से लेकर 55 साल की स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश को लेकर रोक दी। कोर्ट ने इस नियम को खारिज करते हुए महिलाओं के प्रवेश को कानूनी तौर पर वैध बना दिया है।
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