भारत के शहीदों को सलाम, दिल्ली में आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
क्या कहा सीएम ने
वहीं, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस मुद्दे पर विस्तृत जांच की आवश्यक है, जिसके लिए मैंने निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पीआरसी पर सरकार का रुख स्पष्ट है, इसके बावजूद हिंसा की घटनाएं हुईं। इस मामले की कमिश्नर स्तर की जांच की जाएगी जिसके लिए समिति का गठन कर दिया है। इस हिंसा के पीछे कई लोगों का हाथ है। इसके पीछे का सच जनता के सामने आना जरूरी है।
दिन पर दिन बिगड़ते हालाक को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के आवास सहित महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा बड़ा दी गई है। हर जगह सैना की तैनात कर दी गई है। केंद्र और राज्य सरकार हालात पर काबू पाने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन तब भी स्थिति लगातार बेकाबू होती जा रही है। ईटानगर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए ITBP की 6 कंपनियों की तैनात की गई है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर विचार किया जा रहा है। वहीं, प्रदर्शनकारियों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपना इस्तीफा भी दे सकते हैं।
जलाया जा रहे हैं वाहन
PRC को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी लगातार वाहनों को जला रहे हैं। दुकानों और शॉपिंग मॉल को भी लूटा जा रहा है। ITBP की फायरिंग में मारे गए छात्र के शव के साथ हजारों लोग ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क में जुटे हुए हैं। वे अंतिम संस्कार के लिए वहां पर खुदाई कर रहे हैं। वहीं, सुरक्षाबलों पर उपद्रवी पत्थरबाजी भी कर रही है।
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क्या है मामला
बता दें कि हितधारतों के साथ बातचीत के बाद संयुक्त उच्च अधिकार समिति (जेएचपीसी) ने उन छह समुदायों को पीआरसी देने की सिफारिश की थी, जो अरुणाचल प्रदेश के नागरिक नहीं थें। समिति की यह सिफारिश वहां के नागरिकों को पसंद नहीं आई जिसके बाद राज्य में हिंसक हालात हो गए। वहीं, इस प्रस्ताव के लोकर कई समुदाय आधारित समूहों और छात्रों के बीच असंतोष पैदा हो गया है। उन्होंने दावा किया था कि अगर राज्य सरकार इसे स्वीकार करती है तो यह स्थानीय लोगों के अधिकारों और हितों से समझौता होगा। आंदोलकारियों की मांग है कि सरकार जेएचपीसी की सिफारिशों पर फिर से विचार करें।