केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वर्ष के बाकी महीनों में दिल्ली का प्रदूषण 25 फीसदी तक कम हुआ, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं खतरनाक प्रदूषण कर रहा है। धुआं आना शुरू हो गया है। हम दिल्ली वाले अपने स्तर पर जो मुमकिन है, वो सब कदम उठा रहे हैं। ऑड-इवन, दिवाली, कूड़ा जलना, धूल उड़ना, वगैरह। एक अन्य ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा कि मैं उम्मीद करता हूं कि सभी संस्थाएं प्रदूषण को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएंगी। केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकारें, एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट।
गौरतलब है कि सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का समग्र गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार सुबह 201 के स्तर पर खराब स्थिति में दर्ज किया गया। दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता मॉनसून के बाद पहली बार खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। हरियाणा और पंजाब में बायोमास आग जैसी गतिविधियों ने दिल्ली के एक्यूआई को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। एसएएफएआर ने अपने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों से वापस आ गया है। पश्चिम की ओर से मुख्य दिशा के साथ सतह की हवा की गति धीमी और परिवर्तनशील बनी हुई है।