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आसाराम पर डीजी बंजारा का हैरान करने वाला बयान, बापूजी को दुष्कर्मी कहना गलत

locationनई दिल्लीPublished: Apr 25, 2018 07:54:29 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

आसाराम को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद गुजरात के पूर्व डीसीपी डीजी बंजारा ने हैरान करने वाला बयान दिया है।

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नई दिल्ली। स्वयंभू संत आसाराम को जोधपुर की एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म को दोषी ठहराकर उम्र कैद की सजा सुना दी है। इसके बाद गुजरात के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी डी.जी. बंजारा ने हैरान करने वाला बयान सामने आया है। गुजरात के पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक बंजारा ने कहा कि आसाराम को दुष्कर्मी कहना ‘अनुचित’ है। बता दें बंजारा एक फर्जी मुठभेड़ मामले में सजा काट चुके हैं।
कोर्ट के फैसले का सर्मथन नहीं: बंजारा
डी.जी. बंजारा ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं और अदालत में साबित किसी भी फैसले को न तो चुनौती देते हैं और न ही समर्थन करते हैं। हालांकि यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी आसाराम को दुष्कर्मी कहा जाना उचित नहीं है। बंजारा ने दलील दी कि पीड़िता द्वारा दाखिल एफआईआर या आरोप-पत्र में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इसमें कहा गया है कि उन्होंने उसे अनुचित ढंग से छूने की कोशिश की।
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‘यह सजा दुष्कर्म करने के लिए नहीं’
जोधपुर एससी/एसटी अदालत के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा द्वारा आसाराम के खिलाफ सजा सुनाने के बाद उनके अहमदाबाद स्थित आश्रम पहुंचे बंजारा ने कहा, पीड़िता ने मुकदमे के दौरान भी यह कभी नहीं कहा कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है। उन्होंने शिकायत के बाद पीड़िता की कराई गई चिकित्सा जांच में उसकी कौमार्यता को अक्षुण्ण पाया गया। यह कभी दुष्कर्म का मामला नहीं था। यह सजा दुष्कर्म करने के लिए नहीं सुनाई गई।
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आसाराम के लिए हाईकोर्ट जाएंगे बंजारा
बंजारा ने कहा कि पीड़िता ने कहा है कि बापूजी ने उसे गलत इरादे से छुआ, जोकि एक अपराध है। लेकिन मुझे संदेह है कि क्या आसारामजी ने ऐसा किया होगा। उन्हें इस संबंध में सजा सुनाई गई है, लेकिन किसी अदालत का निर्णय अंतिम नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले का आदर करते हैं, लेकिन हम इसके खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।
पहले भी आसाराम की वकालत कर चुके बंजारा
बंजारा ने पहले भी दावा किया था कि आसाराम को इस मामले में फंसाया गया है। उन्होंने 2016 में दावा किया था, एक पुलिस अधिकारी होने के नाते, मैं जानता हूं कि असाराम को पूरे मामले फंसाया गया है। उनके खिलाफ किया गया एफआईआर फर्जी है। बंजारा ने कहा कि आसाराम के खिलाफ मामला एक षड़यंत्र था, क्योंकि 77 वर्षीय संत ‘सनातक हिंदू धर्म के रक्षक’ थे।
नाबालिग से आसाराम ने एक घंटे किया था दुष्कर्म
मध्यप्रदेश में आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम में कक्षा 12वीं की छात्रा के साथ अगस्त 2013 में दुष्कर्म किया गया था। छिंदवाड़ा में उसकी बीमारी की शिकायत के बाद, आसाराम ने राजस्थान में जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित मनाई गांव में अपने आश्रम में लड़की और उसके परिजनों को बुलाया था। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक आसाराम ने वर्ष 2013 में 15-16 अगस्त की आधी रात को उसके साथ एक घंटे तक दुष्कर्म किया। उसने इस घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी, जिन्होंने 20 अगस्त को कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
जोधपुर जेल में रहेगा बलात्कारी बाबा
आसाराम को इंदौर में गिरफ्तार किया गया और एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया। उसके बाद दो सितंबर, 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है। आसाराम को बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, पोक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया। पुलिस ने आसाराम और चार अन्य सह सहयोगियों शिवा, शिल्पा, शरद और प्रकाश के खिलाफ इन अधिनियमों के तहत छह नवंबर, 2013 में आरोप-पत्र दाखिल किया था। आसाराम गुजरात में एक और यौन उत्पीड़न मामले का सामना कर रहा है। अब खबर है कि आसाराम जोधपुर जेल में ही बंद रहेगा।
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