यही नहीं डॉक्टर ( Doctor ), पुलिस ( Police ), प्रशासन और सफाईकर्मी भी मुस्तैदी ने इस जानलेवा वयारस के बीच लोगों की जान बचाने में दिन रात जुटे हुए हैं। बावजूद इसके कुछ इलाकों से इन कोरोना वॉरियर्स पर हमले की खबरें आ रही हैं।
इंदौर में डॉक्टरों की टीम पर हमले के बाद अब देश के दक्षिण राज्य कर्नाटक ( Karnataka ) से भी इसी तरह का मामला सामने आया है। आशा कर्मचारी ( Asha Worker ) ने दावा किया है कि जब वो कोरोना वायरस का कचरा उठा रही थी तो उस पर कुछ लोगों ने हमला किया।
कोरोना वायरस की जंग में पूरा भारत लड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद भी कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
लॉकडाउन के बीच सरकारी कर्मचारियों के साथ भी बुरा बर्ताव भी किया जा रहा है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु में एक आशा कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि जब वह कोरोना वायरस का डाटा इकट्ठा कर रही थी तो उन पर हमला या गया।
कृष्णवेणी नाम की इस महिला ने बताया कि कॉरोनोवायरस पर डाटा एकत्र करते समय वह बेंगलूरु के ब्याटारायणपुरा में थी, जहां उन पर हमला किया गया था। गिरफ्तार करने की मांग
कृष्णावेणी ने बताया ये हमला उस वक्त हुआ जब एक मस्जिद से हमारे खिलाफ एक घोषणा की गई। कृष्णा ने कहा जिस किसी ने भी मस्जिद से ये घोषणा की थी उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मध्य प्रदेश के इंदौर से ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां डॉक्टरों की टीम एक इलाके में लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग करने गई लेकिन वहां पर इन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदलसूकी के साथ-साथ इन पर पत्थर भी फेंके गए।