ये भी पढ़ें: देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी के क्रियान्वयन के शिल्पकार थे अरुण जेटली
कई सालों से बीमार थे जेटली
अरुण जेटली सॉफ्ट टीशू सरकोमा कैंसर से पीड़ित थे। पिछले कई सालों से उनका इलाज चल रहा था। इलाज कराने के लिए वो अमरीका भी गए थे। 2019 के मोदी कैबिनेट में उन्होंने खुद शामिल नहीं होने का फैसला किया था। जेटली ने बकायदा पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोई भी मंत्रालय नहीं देने का आग्रह किया था। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में भाजपा के दिग्गज नेता ने वित्तमंत्री का कार्यभार 2014 से 2018 तक संभाला। इससे पहले वह राज्यसभा में 2009 से 2014 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए काफी काम किया
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री के रुप में पांच आम बजट पेश करने वाले जेटली ने अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे ले जाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने बैकिंग तंत्र की मजबूती और ऋण लेकर इसकी अदायगी नहीं करने वालों पर शिंकजा कसने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। नोटबंदी, जीएसटी , बैंक करप्सी समेत कई अहम फैसले लिए।