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दिल्‍ली के एक मस्जिद से मिले मध्‍यकाल के 254 सिक्‍के, एएसआई ने लिया कब्‍जे में

Published: Sep 12, 2018 07:41:28 pm

दक्षिणी दिल्ली के खिड़की गांव में 14वीं शताब्दी में बनी एक ऐतिहासिक मस्जिद में चल रहा था काम। उसी दौरान यह खजाना हाथ लगा।

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दिल्‍ली के एक मस्जिद से मिले मध्‍यकाल के 254 सिक्‍के, एएसआई ने लिया कब्‍जे में

नई दिल्ली : भारतीय पुरातत्‍व विभाग (एएसआइ) के हाथ मध्‍यकाल के जमाने के 254 सिक्‍के हाथ लगे हैं। इन सिक्‍कों का मूल्‍य हालांकि अभी आंका जाना बाकी है, लेकिन अनुमान है कि इनकी कीमत करोड़ों में होगी। इन सिक्‍कों के दोनों तरफ अभिलेख भी खुदे हैं। एसआई ने कहा कि इसे अभी पढ़ा जाना बाकी है। अनुमान है कि यह अभिलेख अरबी या फारसी में लिखे गए हैं। उन्‍हें यह भी उम्‍मीद है कि इससे मध्‍यकाल की बहुत सारी बातों का पता चलेगा। बता दें कि ये सिक्‍के अलग-अलग वजन के हैं।

ऐसे मिले सिक्‍के
भारतीय पुरातत्‍व विभाग दक्षिणी दिल्ली के खिड़की गांव में 14वीं शताब्दी में बनी एक ऐतिहासिक मस्जिद के संरक्षण का काम करवा रहा था। इसी दौरान अचानक उसके हाथ मध्‍यकालीन काल का बड़ा खजाना लग गया। इस ऐतिहासिक इमारत की संरक्षण के दौरान उसे 254 मध्‍यकालीन सिक्के मिले।

शेरशाह के जमाने का हो सकता है सिक्‍का
इन सिक्‍कों की दोनों तरफ अभिलेख भी गुदा है। पुरातत्‍वविदों का मानना है कि यह अभिलेख अरबी या फारसी में लिखे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को क्लियरेंस के दौरान ये सिक्के मिले। इन सिक्कों पर क्‍या लिखा है कि यह जानने की कोशिश शुरू कर दी गई है और उम्‍मीद है कि इससे मध्‍यकाल के कुछ और ऐतिहासिक तथ्‍यों का हमें पता चल सकता है। इसके लिए एक टीम टीम भी बना दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, इन सिक्‍कों को देखकर लगता है कि यह 16वीं सदी या इससे पहले के हो सकते हैं। संभव है कि यह सूरी साम्राज्‍य के महानतम शासक शेरशाह सूरी के काल के हो सकते हैं।

मस्जिद की सीढ़ियों के पास मिले सिक्‍के
एएसआई से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे के पूरे मध्‍यकाल के यह 254 सिक्‍के मस्जिद के प्रवेशद्वार के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली सीढ़ियों के पास मिला। इस एरिया की घेराबंदी कर दी गई है। जब तक एएसआई की जांच पूरी नहीं हो जाती यह एरिया एएसआई की निगरानी में रहेगा।

मिट्टी के घड़े मे था खजाना
सूत्रों ने जानकारी दी कि यह सारे सिक्के एक मिट्टी के घड़े में थे। एएसआई अधिकारी ने बताया कि यह सिक्के अलग-अलग वजन के हैं। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि प्राचीन काल से मध्‍यकाल तक सिक्के ही वजन और आकार के होते थे। हालांकि इन सिक्‍कों का मूल्‍य नहीं आंका गया है, लेकिन उम्‍मीद जताई जा रही है कि ये सिक्‍के अनमोल हैं और इनकी कीमत करोड़ों में हो सकती है।

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