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सीएनजी की कीमत बढ़ने के बाद अब दिल्‍ली एनसीआर में ऑटो किराये में हो सकती है वृद्धि

locationनई दिल्लीPublished: Oct 01, 2018 05:09:00 pm

Submitted by:

Mazkoor

तीन साल में गैसों की कीमत में यह वृद्धि दूसरी बार की गई है। इससे ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज आदि गैस उत्पादक कंपनियों को फायदा होगा।

सीएनजी की कीमत बढ़ने के बाद अब दिल्‍ली एनसीआर में ऑटो किराये में हो सकती है वृद्धि

सीएनजी की कीमत बढ़ने के बाद अब ऑटो किराये में हो सकती है वृद्धि

नई दिल्‍ली : दिल्ली एनसीआर में पहले से ही पेट्रोल-डीजल के भाव आसमान छू रहे हैं और अब सीएनजी की कीमतें भी बढ़ा दी गई है। रविवार को इसकी घोषणा दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी बेचने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने की है। बता दें कि दिल्ली में प्रति किलो सीएनजी की कीमतें 1.70 बढ़ गई है। जबकि एनसीआर यानी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में यह बढ़ोत्‍तरी प्रति किलो 1.95 पैसे हुई है। वहीं दिल्‍ली से सटे हरियाणा के शहर रेवाड़ी में यह वृद्धि 1.80 पैसे प्रति किलो हुई है। यह बढ़ी दर आज से ही लागू हो गई है। यह छह महीने तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी। गैस का मूल्‍य बढ़ने के बाद अब ऑटो वाले यह मांग कर रहे हैं कि दिल्‍ली एनसीआर में ऑटो के किराया में भी वृद्धि की जाए।

अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बढ़ी कीमत के कारण लिया गया फैसला
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण सेल के अनुसार, प्राकृतिक गैस के अधिकतर घरेलू उत्पादकों को दी जाने वाली कीमत वर्तमान में 3.06 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ा कर 3.36 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी गई है। बता दें कि यह दर अक्टूबर 2015 से मार्च 2016 की अवधि के दौरान 3.82 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के बाद सर्वाधिक है। इस वजह से दिल्‍ली-एनसीआर में सीएनजी का मूल्‍य संशोधित किया गया है। बता दें कि प्राकृतिक गैसों की कीमतें गैस की अधिकता वाले देशों में हर छह महीने पर संशोधित होती हैं। भारत अपनी जरूरत के लिए इन्‍हीं देशों पर निर्भर है। इन्‍हीं प्रचुर गैस की उपलब्‍धता वाले देशों से वह गैस का आयात करता है। आयातित गैसों का मूल्‍य घरेलू गैसों के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा पड़ती है।

तीन साल के भीतर दूसरी वृद्धि
तीन साल में गैसों की कीमत में यह वृद्धि दूसरी बार की गई है। इससे ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज आदि गैस उत्पादक कंपनियों को फायदा होगा। सूत्रों ने बताया कि प्राकृतिक गैस की कीमत में यदि एक डॉलर की वृद्धि होती है तो ओएनजीसी का राजस्व सालाना आधार पर चार हजार करोड़ रुपए तक बढ़ जाता है। लेकिन इस वृद्धि‍ का असर उपभोक्‍ताओं पर पड़ेगा। इससे यूरिया और बिजली उत्पादन लागत भी बढ़ जाएगी।

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