नई दिल्ली. देशभर में ड्रोन के कमर्शियल इस्तेमाल को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नया प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित इस्तेमाल और उपयोग में लाए जाने वाले ड्रोन को यूनिक आइडिडेंटिफिकेशन नंबर दिए जाने का प्रस्ताव है। अब गृह मंत्रालय से इस पर मंजूरी मिलनी बाकी है। दोनों ही मंत्रालय के बीच में हाल में इस प्रस्ताव पर विचार किया गया लेकिन अभी तक कुछ अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमनें गृह मंत्रालय से अपनी नई नीति व प्रस्ताव पर इनपुट्स मांगे हैं। उनसे इन्हें पास करने का अनुरोध किया गया है। बहरहाल, बता दें कि अक्तूबर 2014 में सरकार ने किसी भी गैर-सरकारी संस्था द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से कई निजी कंपनियों की ओर से ड्रोन को लेकर नई नीति बनाने की अपील की गई थी। इसी कवायdद में अब नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। कब-कैसे होगा प्रयोग अमूमन सरकारी संस्थाएं व पुलिस और सेना आदि ही सुरक्षा व सर्वे आदि के काम के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करती हैं। अगर प्रस्ताव पास हो जाता है तो निजी संस्थाएं भी प्रोपर्टी के नुकसान, भूकंप. सर्वे और इंफ्रास्ट्रक्चर व सुरक्षा आदि की निगरानी में इसका इस्तेमाल कर सकती है। खैर, इससे पहले सरकार ने इसके प्रयोग पर रोक लगाने से पहले कहा था कि ड्रोन का प्रयोग खतरनाक साबित हो सकता है। दुश्मन देश व आंतकी या फिर चोर आदि गलत इस्तेमाल कर अहम जानकारियां जुटा सकते हैं।