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बैंक कर्मचारी ने लिखा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को खत, मांगी पत्नी की हत्या-अंतिम संस्कार के लिए छुट्टी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2019 03:51:37 pm

बिहार में एक बैंक कर्मचारी के सामने जब ऐसी स्थिति आई तो उसने ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में सोचना बहुत मुश्किल है।

राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी

राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी को पत्र

पटना। सोचिए आप कहीं नौकरी करते हों और वहां पर कर्माचारियों की संख्या काफी कम हो। उस पर भी कुछ कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएं और काम का बोझ आप पर आ जाए। इतना ही नहीं आपके घर में कोई बीमार हो जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी आपकी हो लेकिन आपको छुट्टी नहीं मिल रही। ऐसे वक्त में आप क्या करेंगे?
वाकई यह बड़ा सवाल है और इसके लिए लोगों के तमाम जवाब भी हो सकते हैं। लेकिन बिहार में एक बैंक कर्मचारी के सामने जब ऐसी स्थिति आई तो उसने ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में सोचना बहुत मुश्किल है।
इस बैंक कर्मचारी ने जब स्थिति बिल्कुल नियंत्रण से बाहर हो गई तो देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को खत लिख दिया कि उसे दो दिन की छुट्टी दे दी जाए ताकि वो जाकर अपनी पत्नी की हत्या करके उसके अंतिम संस्कार कर सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला है बिहार के बक्सर जिले का। बक्सर जिले मौजूद बकसड़ा मध्य बिहार ग्रामीण बैंक में मुन्ना प्रसाद शाखा प्रबंधक के रूप में तैनात हैं।

हत्या
रिपोर्ट के मुताबिक उनकी पत्नी पिछले एक वर्ष से किडनी के रोग से पीड़ित हैं। किडनी में बीमारी के चलते उन्हें सप्ताह में दो बार डायलिसिस कराना पड़ता है।
वहीं, बिहार ग्रामीण बैंक की इस शाखा में कर्मचारियों की कमी है। इस कारण से मुन्ना प्रसाद को आए दिन अकेले रहकर ही काम करना पड़ता है।

मजबूरन वह पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी नहीं ले पा रहे थे। काफी कहने के बाद भी जब उन्हें छुट्टी नहीं मिली तो उन्हें राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को चिट्टी लिखने का विचार आया।
मुन्ना प्रसाद ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “साहब, मेरी पत्नी बीमार है। उनके इलाज के लिए छुट्टी नहीं मिल पा रही है। क्षेत्रीय कार्यालय की महिला अधिकारी ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया है। अधिकारियों से ‘विशेष आग्रह’ करने पर उन्होंने दाह संस्कार करने के लिए छुट्टी देने की बात कही है। इसलिए कृपया मुझे दो दिनों की ‘विशेष’ छुट्टी दी जाए ताकि मैं अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर सकूं। मैं रोजाना घुटकर इस तरह से काम नहीं कर सकता।”
चिट्ठी लिखने की जानकारी जब अधिकारियों को हुई तो उन्होंने आननफानन में उन्हें छुट्टी दे दी।

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