कई बैंकों ने कैश की कमी के कारण लिमिट तय की। एक अकाउंट से एक दिन में केवल 2500 से 3000 रुपये निकाल पाएंगे।
नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद सरकारी व निजी कंपनियों के कर्मचारियों के बैंक खातों में वेतन आना शुरू हो गया है। लेकिन कोई भी अपना पूरा वेतन एक दिन में नहीं निकाल पाएगा। कैश की कमी को देखते हुए कई बैंकों ने कैश निकालने की नई लिमिट तय की है। अधिकतर बैंकों ने एक सैलरी अकाउंट से रोजाना अधिकतम 2500 से 3000 रुपये निकालने की लिमिट तय की है। हालांकि यह नियम सरकार व आरबीआई की ओर से जारी नहीं किया गया है।
बैंकों ने खुद से लिया फैसला
दरअसल, अब तक रोजाना पैसा निकालने की लिमिट नहीं थी। हफ्ते में एक खाते से केवल 24 हजार रुपये निकालने का नियम था। खैर, सैलरी के साथ लाखों पेंशनधारियों के खातों में पेंशन भी आने लगी है। ये लोग भी महीने की शुरुआत में पैसा निकालते हैं। ऐसे में बैंकों ने रोजाना कैश निकालने की नई लिमिट तय की है। मुबंई स्थित कैथोलिक सिरियन बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि उनके बैंक के सैलरी अकाउंट से एक दिन में केवल तीन हजार रुपये निकाले जा सकते हैं। अधिकारी का कहना है कि बैंक कैश की तंगी से परेशान है। आरबीआई से मांग के अनुसार पैसा नहीं मिल पा रहा है। गुजरात के कई बैंकों को मांग का केवल 02 फीसदी कैश मिल रहा है।
तीन घंटे पहले बंद हो रहे बैंक
कैश की कमी के कारण देशभर में कई बैंक रोजाना समय से पहले बंद किए जा रहे हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र भी इस समस्या से जूझ रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि हमने लिमिट कम कर दी है। इससे सभी को बारी-बारी जरूरत के हिसाब से पैसा देने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि अधिकतर बैंकों को मांग से 35 से 40 फीसदी ही कैश मिल रहा है। हालांकि इस कारण ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में तेजी आई है।
कंपनियों को प्रीपेड कार्ड देने की सलाह
कई बैंकों ने निजी कंपनियों को सलाह दी है कि वे अपने कर्मचारियों को प्रीपेड कार्ड जारी कर सकती हैं। बैंकों ने कहा कि इससे कुछ हद तक कैश की मांग घटेगी। इतना ही नहीं, बैकों ने कहा कि इन प्रीपेड कार्ड से रोजमर्रा के काम व जरूरतें पूरी हो सकती हैं। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से लेकर 27 नवंबर तक 2.16 लाख करोड़ रुपये बैंक व एटीएम से निकाले जा चुके हैं। इसके अलावा 8.11 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हो चुके हैं।