गरीबी के बीच बरनाना ने हैदराबाद में ही आईआईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बताया कि उन्हें अमेरिकी रेलवे में नौकरी मिल गई थी। लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया। इतना ही नहीं बरनाना की बेहतर पढ़ाई को देखते हुए इंदौर के आईआईएम में एडमिशन भी ड्रॉप कर दिया था। जिसके बाद उनके पिता बरनाना गुन्नाया ने उन्हें सलाह दी कि वो जो कर रहे हैं वो ठीक नहीं है। बरनाना के बताया कि उनके पिता को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सेना में उन्हें एक साधारण सिपाही की ही नौकरी मिलेगी, जिसकी तुलना में अमेरिकी रेलवे की नौकरी काफी बेहतर थी।
लेकिन देहरादून में आयोजित हुए इंडियन मिलिट्री अकादमी की पासिंग आउट परेड में उन्होंने अपने बेटे को सेना की प्रतिष्ठित वर्दी में देखा तो वे भावुक हो गए और चाहकर भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। बता दें कि बरनाना भारतीय सेना के कमीशंड अधिकारी बन गए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बरनाना के पिता हैदराबाद में ही किसी सीमेंट की फैक्ट्री में मजदूर हैं। वे अभी रोज़ाना 100 रुपये की दिहाड़ी पर काम करते हैं। लेकिन खास बात ये है कि बेटे के सेना में अफसर बनने से पहले उन्हें इस बात की कोई खबर भी नहीं थी। उन्हें एक दिन पहले तक यह भी नहीं पता था कि उनका बेटा भारतीय सेना में कमीशंड ऑफिसर बन गया है।
बरनाना ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन के काफी बुरे दिन देखे हैं। उनके पिता कभी 60 रुपये की प्रतिदिन दिहाड़ी पर काम करते थे। जिसके लिए उन्हें पूरे दिन कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। इतना ही नहीं उनकी मां को पोलियो है। लेकिन शारीरिक रूप से अस्वस्थ होने के बाद भी वे साफ-सफाई का काम करने के बाद कुछ पैसे कमा लेती थीं। क्योंकि वे दोनों ही अपने बेटे को एक काबिल व्यक्ति बनाना चाहते थे।