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यूपीः डॉ. अंबेडकर के दलित संघर्ष की कहानी पढ़ रहे हैं भीम पाठशालाओं के हजारों बच्चे

locationनई दिल्लीPublished: Apr 16, 2018 12:03:29 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

दलित संघर्ष को बढ़ाने के लिए नई पौध तैयार कर रहीं है यह पाठशाला, स्कूल के बाद रोज दो घंटे चलती है कक्षाएं।

Bhim Pathsala

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में दलित बच्चों को स्कूल से अतिरिक्त शिक्षा देने के लिए भीम पाठशालाएं अहम रोल अदा कर रहीं हैं। यह बच्चों को विषय संबंधी ज्ञान के साथ दलित महापुरुषों के संघर्ष की याद दिला रहीं हैं। यह पाठशाला स्कूल के बाद रोज दो घंटे के लिए लगाई जाती हैं। इस तरह के हजार कोचिंग सेंटर पूरे उत्तर प्रदेश में चलाए जा रहे हैं। इनका मकसद बच्चों को ज्ञान देने के साथ दलित महापुरुषों के योगदान को बताना है।
कहीं भी शुरू हो जाती है यह कक्षाएं

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भीम पाठशाला कहीं भी शुरू हो जाती है। यह कक्षाएं पेड़ की छांव या किसी के घर में शुरू हो जाती हैं। सहारनपुर जिले के पाठशाला अध्यक्ष कमल वालिया के अनुसार इन सेंटरों की मदद से गरीब घर के दलित बच्चों को फ्री कोचिंग मिल जाती है। इस पाठशाला में दलित बच्चों को संत वाल्मिकी और बीआर अंबेडकर के बारे में बताया जाता है। इसके साथ विषय संबंधी समस्याओं को भी दूर किया जाता है।
भीम आर्मी के फाउंडर चंद्र प्रकाश के अनुसार इस पाठशाला की मदद से दलित बच्चों को फ्री शिक्षा दी जा रही है। इस दौरान उन्हें फ्री पुस्तकें भी प्रदान की जाती हैं। पाठशाला की मदद से दलित महापुरुषों के बारे में बच्चों का ज्ञान बढ़ाया जाता है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल स्थित के कारण अकसर यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा से महरूम रहना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए भीम पाठशाला ने पूरे उत्तर प्रदेश में नजीर पेश की है।
बच्चों को मिले सही शिक्षा

भीम आर्मी के फाउंडर चंद्र प्रकाश का कहना है कि इन पाठशालाओं की मदद से दलित बच्चों को अपने इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है। उनका कहना है कि बच्चे को बाबा साहब अंबेडकर के महान कार्यों की जानकारी दी जाती है। इसके साथ उनके हकों की भी जानकारी दी जाती है। अध्यक्ष विनय कुमार का कहना है कि भीम आर्मी सिर्फ दलित आंदोलन के लिए नहीं है। इसकी मदद से दलित बच्चों को भी अपने हक के लिए खड़ा किया जा रहा है।
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