कहीं भी शुरू हो जाती है यह कक्षाएं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भीम पाठशाला कहीं भी शुरू हो जाती है। यह कक्षाएं पेड़ की छांव या किसी के घर में शुरू हो जाती हैं। सहारनपुर जिले के पाठशाला अध्यक्ष कमल वालिया के अनुसार इन सेंटरों की मदद से गरीब घर के दलित बच्चों को फ्री कोचिंग मिल जाती है। इस पाठशाला में दलित बच्चों को संत वाल्मिकी और बीआर अंबेडकर के बारे में बताया जाता है। इसके साथ विषय संबंधी समस्याओं को भी दूर किया जाता है।
भीम आर्मी के फाउंडर चंद्र प्रकाश के अनुसार इस पाठशाला की मदद से दलित बच्चों को फ्री शिक्षा दी जा रही है। इस दौरान उन्हें फ्री पुस्तकें भी प्रदान की जाती हैं। पाठशाला की मदद से दलित महापुरुषों के बारे में बच्चों का ज्ञान बढ़ाया जाता है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल स्थित के कारण अकसर यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा से महरूम रहना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए भीम पाठशाला ने पूरे उत्तर प्रदेश में नजीर पेश की है।
बच्चों को मिले सही शिक्षा भीम आर्मी के फाउंडर चंद्र प्रकाश का कहना है कि इन पाठशालाओं की मदद से दलित बच्चों को अपने इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है। उनका कहना है कि बच्चे को बाबा साहब अंबेडकर के महान कार्यों की जानकारी दी जाती है। इसके साथ उनके हकों की भी जानकारी दी जाती है। अध्यक्ष विनय कुमार का कहना है कि भीम आर्मी सिर्फ दलित आंदोलन के लिए नहीं है। इसकी मदद से दलित बच्चों को भी अपने हक के लिए खड़ा किया जा रहा है।