यह है पूरा मामला… जानकारी के मुताबिक, आयकर अधिकारी शशि रंजन की शिकायत पर 25 एवं 28 जनवरी 2005 को कुल पांच शिकायतवाद दाखिल किए गए थे। दो मुकदमे में भरत शर्मा को पूर्व में 27 जनवरी को दो-दो वर्ष की सजा हो चुकी है। शिकायतवाद संख्या 3/05 के मुताबिक वित्तीय वर्ष 1997-1998 के दौरान भरत ने फर्जी कागजातों के आधार पर आयकर विभाग से 37 हजार 634 रुपए वापसी का दावा किया था। विभाग ने उन्हें सूद समेत यह राशि वापस की थी। वहीं, केस नंबर 05/05 के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 1998-99 के दौरान भरत ने फर्जी कागजात के सहारे 79 हजार 260 रुपये का रिटर्न क्लेम किया। सीओ केस नं 07/05 में आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 के दौरान भरत ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आयकर विभाग से एक लाख तीन हजार रुपए का टीडीएस क्लेम लिया था।
पत्नी को भी हो चुकी है सजा वहीं, जांच में खुलासा हुआ कि भरत शर्मा ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज के जो कागजात विभाग को सौंपे थे, वह कंपनी द्वारा निर्गत ही नहीं की गई थी। आयकर विभाग की ओर से अभियोजन का संचालन अधिवक्ता मुख्तार अहमद व जय शकर केसरी ने किया। बता दें कि इससे पहले भरत शर्मा की पत्नी बेबी देवी को निचली अदालत से फर्जी तरीके से रिटर्न क्लेम के मामले में सजा हो चुकी है। आपको बता दें कि भरत शर्मा जदयू से विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि, इससे पहले भी वो कई मामलों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। अब देखना यह है कि वो जेल जाते हैं या फिर उपरी अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं।