भारत-भूटान में और बढ़ेगी दोस्ती भारत और भूटान के बीच गहरी दोस्ती और सहयोग के रिश्ते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास और समझ के और मजबूत होने के आसार हैं। टोबगे की इस यात्रा से भारत और भूटान, दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा करने और साझा समस्याओं पर साथ काम करने के अवसर प्रदान मिलेंगे। इससे पहले टोबगे ने निवेशकों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुवाहाटी का दौरा किया था जिस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत की थी।
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सेना प्रमुख और एनएसए गए थे भूटान टोबगे की भारत यात्रा के कुछ दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विजय गोखले और सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत चुपचाप भूटान गए थे, जहां उन्होंने भूटानी नेतृत्व के साथ डोकलाम सहित प्रमुख रणनीतिक मुद्दों पर व्यापक बातचीत की थी । इस यात्रा से क्या हासिल होगा दोनों पक्ष रक्षा, विदेश और सामरिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद कर रहे हैं। टोबगे की यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता ने कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच “दोस्ती के अनुकरणीय संबंध” को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। माना जा रहा है कि मोदी और टोबगे पिछले साल भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 73 दिनों के लंबे समय तक चलने वाले डोकलाम विवाद के वर्तमान स्थिति पर विचार विमर्श कर सकते हैं।