इस तरह विस्फोटक सामान किया गया इकट्ठा एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने खुलासा करते हुए कहा कि बम बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों की चोरी की गई थी। इतने बड़े हमले के लिए आतंकियों ने पत्थर खदानों से तकरीबन पांच सौ जिलेटिन ( Gelatin ) की चोरी की थी। इसके अलावा अमोनियम नाइट्रेट ( Ammonium Nitrate ) और अमोनियम पाउडर आसपास के दुकानों से खरीदा गया। वहीं, RDX पाकिस्तान ( Pakistan ) से मंगाया गया था वह भी छोटी-छोटी मात्रा में। अधिकारी ने बताया कि तकरीबन 70 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और अमोनियम पाउडर को स्थानीय बाजार से ही खरीदा गया था। वहीं, 35 किलोग्राम RDX पाकिस्तान से लाया गया था।
कई खुलासे पहले ही हो चुके हैं गौरतलब है कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने पहले ही कहा था कि हमले में अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लिसरीन और आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। वहीं, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमले के कुछ समय बाद ही NIA ने सभी साक्ष्य इकट्ठे किए थे। इतना ही नहीं विस्फोटक सामग्री कैसे इकट्ठा की गई और उसकी डिलीवरी किसने और किस तरह कराई इसका भी खुलासा हो चुका था। वहीं, जैश के आंतकी चुपके से भारत में दाखिल हुए थे। गौरतलब है कि जिलेटिन की छड़ें खुलेआम बाजार में नहीं मिलती है। सरकार की ओर से केवल मान्यता प्राप्त कंपनी और भूविज्ञान विभाग को यह दी जाती है। लेकिन, इसकी चोरी की खबर अक्सर सामने आती रहती है। गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलावाा में CRPF के काफिले पर बडा़ आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हो गए थे।