लॉकडाउन के बाद शुरू अनलॉक में भारतीय उद्योगों की हालत पतली, इस वित्तीय वर्ष के नतीजे को लेकर बड़ा खुलासा इस संबंध में आईसीएमआर ( ICMR ) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने चुने हुए इंस्टीट्यूट्स को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिये इन्हें सूचना दी गई है कि काउंसिल ने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के साथ स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन ( BBV152 COVID-19 Vaccine ) के तेज गति से ट्रायल के लिए पार्टनरशिप की है।
पत्र के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के मद्देनजर और वैक्सीन लॉन्च करने की तात्कालिकता देखते हुए सभी हितधारकों को क्लीनिकल ट्रायल ( Coronavirus vaccine clinical trial ) की शुरुआत से संबंधित सभी मंजूरियों को तेजी से ट्रैक करने की सख्त सलाह दी जा रही है। पत्र में उल्लेख किया गया कि यह BBV152 भारत द्वारा विकसित किया जा रहा पहला स्वदेशी वैक्सीन है। यह वैक्सीन सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है। इसकी निगरानी केंद्र सरकार ( centre govt ) द्वारा शीर्ष स्तर पर की जा रही है।
गुरुवार दो जुलाई को लिखे पत्र के मुताबिक सभी क्लीनिकल ट्रायल के पूरा होने के बाद 15 अगस्त 2020 ( 15 August ) तक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए इस वैक्सीन को लॉन्च करने की परिकल्पना कर ली गई है। बीबीआईएल तेजी से काम कर रहा है ताकि लक्ष्य को पूरा किया जा सके। हालांकि अंतिम परिणाम इस परियोजना में शामिल सभी क्लीनिकल ट्रायल साइट्स के सहयोग पर निर्भर करेगा।
वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल इंस्टीट्यूट्स में निजाम्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) हैदराबाद, किंग जॉर्ज अस्पताल (विशाखापट्टनम), यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (रोहतक), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली और एम्स पटना शामिल हैं।
Coronavirus Lockdown: राज्य सरकार 15 दिन के लिए बंद कर सकती है पूरा शहर, दिन भर रहेगा कर्फ्यू वहीं, पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में एक इम्यूनोलॉजिस्ट और विजिटिंग प्रोफेसर विनीता बाल ने कहा कि वह यह समझने में असमर्थ हैं कि जो टीका अभी ट्रायल में चल रहा था, वह इतनी जल्दी कैसे तैयार हो सकता है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त पूरी तरह से अवास्तविक लक्ष्य है। ऐसी कोई वैक्सीन नहीं है जो इतनी तेजी से तैयार हो जाए। इसमें कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, और यहां तक कि सबसे बेहतरीन मामले में भी यह देखते हुए कि हम एक आपातकालीन स्थिति में हैं, 15 अगस्त की समयसीमा अगर पूरी तरह से असंभव नहीं है तो पूरी तरह से अवास्तविक जरूर लगती है।
बायोइथिक्स पर काम करने वाले अनन्त भान वे भी इसकी डेडलाइन पर सवाल उठाते हुए हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि क्या ICMR ने क्लीनिकल ट्रायल की सफलता पर पहले से ही फैसला ले लिया है। उन्होंने आगे कहा कि ICMR के पत्र के अनुसार वैक्सीन के लिए प्री-क्लीनिकल डेवलपमेंट्स अभी भी जारी हैं तो 7 जुलाई से क्लीनिकल ट्रायल कैसे शुरू हो सकते