सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान देवेंद्र कुमार के पास से आठ मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। जांच एजेंसी ने रविवार को देवेंद्र के घर पर छापा मारा था। इस मामले में DSP देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद और अन्य अज्ञात अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के मुताबिक अधिकारी ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना जिसका नाम मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े मामले में सामने आया था, के मामले को खत्म करने के लिए तीन करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।
आपको बता दें कि मनोज प्रसाद और उनके भाई सोमेश प्रसाद, सतीश साना का नाम मोइन कुरैशी की जांच के दौरान सामने आया था। दुबई स्थित व्यापारी मनोज और सोमेश ने सतीश को बताया कि सीबीआई के अधिकारी की मदद से वे केस खत्म करा देंगे। सतीश का आरोप है कि सोमेश ने एक अधिकारी को फोन किया जिसने दावा किया कि वो पांच करोड़ रुपए में मामले को खत्म करा देगा लेकिन तीन करोड़ रुपए एडवांस में देने होंगे। सोमेश ने सतीश को बताया कि जिस अधिकारी से उसने बात की वो राकेश अस्थाना थे और इसकी पुष्टि के लिए उसने वॉट्सऐप डीपी भी दिखाई। सतीश की शिकायत के मुताबिक एक अक्टूबर को सीबीआई से पूछताछ के दौरान उसकी मुलाकात डीएसपी देवेंद्र कुमार से हुई जिन्होंने उसकी मुलाकात एसपी जगरूप से कराई। इस मामले में बिचौलिए मनोज को 16 अक्टूबर को दुबई से दिल्ली आने पर सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था।
दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने 21 अक्टूबर को दोनों शीर्ष अधिकारियों को बुलावा भेजा और उनसे बात की। सीबीआई के शीर्ष अधिकारी सीधे पीएम को रिपोर्ट करते हैं। हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि एजेंसी के दोनों शीर्ष अधिकारियों से पीएम ने क्या बात की। पीएमओ ने बताया है कि सीबीआई ने राकेश अस्थाना के खिलाफ ऐसे मामले में कार्रवाई करने के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली थी। कहा जा रहा है कि मामले में सीबीआई अपने निदेशक यानी आलोक वर्मा का पक्ष ले रही है।