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बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल
वहीं राज्य में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल भी किया गया है। आतंकियों के साथ सख्ती से निपटने के लिए सख्त और कड़े नियम वाले अधिकारियों को कश्मीर भेजा गया है। छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईएएस बीवीआर सुब्रमण्यम को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है वहीं आईपीएस के. विजय कुमार को राज्यपाल का सलाहकार बनाया गया है।
आतंक के खिलाफ जारी रहेगा ऑपरेशन
वहीं जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने और राज्यपाल शासन लगने के बाद सेना और पुलिस के हौंसले बुलंद हैं। हालांकि सेना का फिर भी यही कहना है कि कश्मीर में बदले सियासी समीकरण से हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, आतंक के खिलाफ हमारे ऑपरेशन जारी रहेंगे। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमारे उपर किसी तरह का पॉलिटिकल दबाव नहीं होता है। वहीं सीमापार से हो रही लगातार फायरिंग को लेकर 20 जून को भारत पाकिस्तान की सेना के बीच बातचीत हुई। जम्मू कश्मीर के पुंछ में ब्रिगेडियर लेवल की बातचीत हुई। जिसमें सीमापार से लगातार हो रहे हमलों को लेकर चर्चा की गई।
कश्मीर में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
दरअसल सूबे में भाजपा और पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लागू है। सरकार गिरने के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगी और जल्दी आंतकी सगठनों पर शामत आने वाली है। गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मार भगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। राज्य में शांति बहाल करना मोदी सरकार के शीर्ष एजेंडे में शामिल है।