scriptमुकुल रोहतगी का बड़ा बयान: समलैंगिकता स्‍वाभाविक पसंद का विषय है | Mukul Rohatgi: Homosexuality is subject of natural | Patrika News

मुकुल रोहतगी का बड़ा बयान: समलैंगिकता स्‍वाभाविक पसंद का विषय है

locationनई दिल्लीPublished: Jul 10, 2018 03:00:36 pm

Submitted by:

Dhirendra

समलैंगिकता लाइफ का वह पार्ट है जो बंद कमरे के दायरे में होता है।

supreme court

मुकुल रोहतगी का बड़ा बयान: समलैंगिकता नेचुरल पसंद का विषय है

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज समलैंगिकता को लेकर बहस जारी है। इस मामले में पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि जेंडर और सेक्सुअल पसंद को एक साथ नहीं रखा जा सकता है। ये दोनों अलग-अलग बातें हैं। इन दो अलग मुद्दों को एक साथ नहीं रखा जा सकता है। यह पसंद का सवाल ही नहीं है। यह नेचुरल पसंद का विषय है। यही कारण है कि यह संविधान के अहम प्रश्‍नों से जुड़ा मसला है।
सीजेआई ने भी माना गंभीर
शीर्ष अदालत में संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा था कि यह मामला गंभीर है और यह संविधान से जुड़ा मुद्दा है। यही वह है कि शीर्ष अदालत ने इस मामले को पांच जजों की संवैधानिक पीठ को सुनवाई की जिम्‍मेदारी सौंपी है। कोर्ट ने कहा था कि इसको लेकर बड़ी बेंच का गठन किया जाएगा और मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर कर दिया था। यही वजह है कि आज से मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता में पांच जजों की बेंच समलैंगिकता पर सुनवाई कर रही हैा
आठ क्‍यूरेटिव पेटिशनों पर विचार करेगी SC
इस मामले में शीर्ष अदालत के पास आठ क्यूरेटिव पिटिशन सुनवाई के लिए विचाराधीन हैं। मामले की सुनवाई के दौरान क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने वालों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील शुरू की थी। सिब्बल ने सबसे पहले कहा था कि यह मामला व्यापक संवैधानिक मुद्दे का है। उन्होंने कहा कि इसका स्‍वरूप व्यक्तिगत है। यह लाइफ का वह पार्ट है जो बंद कमरे के दायरे में है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-19 (1)(ए) का हवाला देकर कहा था कि यह प्राइवेट और सहमति का ऐक्ट है लेकिन इसे असंवैधानिक घोषित किया गया है।
समलैंगिकता अपराध है या नहीं
शीर्ष अदालत में समलैंगिकता को अपराध मानने या अपराध के दायरे से बाहर रखने को लेकर बहस जारी है। पीठ इसी बिंदु पर अपना अंतिम फैसला देगी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में रिव्यू पिटिशन पहले ही खारिज कर चुका है जिसके बाद क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल किया गया जो पहले से बड़े बेंच को भेजा गया था।
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