बिहार के कटिहार जिले में करीब एक साल पहले लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मुकदमे का समन देने के लिए बिहार पुलिस सिद्धू को बीते एक साल से खोज रही है, मगर वह उन्हें मिलते ही नहीं। इस बार भी बिहार पुलिस के अधिकारी अमृतसर पहुंचे हैं और तीन दिन से सिद्धू के घर जा रहे, लेकिन पुलिस को सिद्धू शनिवार तक नहीं मिले।
इस बार सिद्धू को खोजने बिहार पुलिस में सब-इंस्पेक्टर जनार्दन राम पहुंचे हैं। वह पहले भी यहां सिद्धू को समन देने आए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस से संपर्क करने के बाद सिद्धू के घर गए, लेकिन वह वहां नहीं मिले। ऐसा हर बार होता है। उनके करीबियों के जरिए भी संपर्क करने की काफी कोशिश की, लेकिन अब तक मुलाकात नहीं हो सकी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अगर वह समन नहीं लेते हैं, तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है।
हालांकि, अमृतसर के पुलिस आयुक्त डॉक्टर सुखचैन सिंह के मुताबिक, बिहार पुलिस ने कभी उनसे संपर्क नहीं किया और न ही अपने आने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। वहीं, जर्नादन राम ने बताया कि बिहार पुलिस जब भी यहां आती है, तो स्थानीय पुलिस से संपर्क कर इसकी जानकारी देती है। कई बार स्थानीय पुलिस भी उनके साथ सिद्धू को खोजने उनके घर गई है। बहरहाल, जनार्दन राम का कहना है कि इस बार वह सिद्धू से मिलकर और उन्हें समन देकर ही जाएंगे।
क्या है मामला
बिहार के कटिहार जिले की पुलिस बीते एक साल से सिद्धू को समन (न्यायिक दस्तावेज) देने के लिए खोज रही है। दरअसल, पिछले साल लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सिद्धू के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का एक मामला दर्ज हुआ था। आरोप है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा था कि आप अपने आपको अल्पसंख्यक नहीं समझें। यहां आप बहुसंख्यक हैं। यहां आपकी आबादी 64 प्रतिशत है। ओवैसी जैसे लोगों के जाल में मत फंसिए। उन्हें भाजपा ने खड़ा किया है। अपनी ताकत पहचानें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए वोट करें।