पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बरामद दो लड़कियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि सभी लड़कियां रसोई घर के दरवाजे खोलकर दुपट्टा के माध्यम से चाहरदीवारी पर उतरीं और वहां से खेत में कूदकर फरार हुई थीं। बरामद लड़कियों ने पुलिस को बताया कि फरार लड़कियों का यहां मन नहीं लगता था और बराबर ससुराल जाने की बात करती थीं।
इधर, आवास गृह की अधीक्षक मधु कुमारी ने बताया कि दोनों लापता (फरार) लड़कियां पश्चिमी चंपारण जिले की रहने वाली हैं और 15 अक्टूबर को ही अदालत के आदेश के बाद आवास गृह पहुंची थीं। सूत्रों का कहना है कि दोनों नाबालिग हैं और उन्होंने अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने लड़कियों को बरामद कर अदालत में पेश किया था। सूत्रों का कहना है कि फरार लड़कियों में से एक लड़की गर्भवती भी है। गौरतलब है कि सोमवार को समाज कल्याण विभाग के राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा संचालित इस बालिका गृह की चार लड़कियां फरार हो गई थी। बाद में पुलिस ने दो लड़कियों को बरामद कर लिया था।
पुलिस के मुताबिक, आवास गृह की अधीक्षक मधु के बयान पर मुफस्सिल थाने में इस मामले की एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने बुधवार को बताया कि फरार लड़कियां नाबालिग हैं। उन्होंने कहा कि एक युवक की पहचान की गई है, जिसके बहकावे पर लड़कियां फरार हुई हैं। पुलिस उस युवक को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।