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बिहार: चमकी बुखार को लेकर बड़ा खुलासा, लीची से नहीं हुई बच्चों की मौत, ये है वजह

locationनई दिल्लीPublished: Feb 05, 2020 03:57:57 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

बिहार: चमकी बुखार ( Chamki Fever ) को लेकर PMCH के डॉक्टर्स ने बड़ा खुलासा किया है
लीची से नहीं हुई थी 300 से अधिक बच्चों की मौत- PMCH

encephalitis
नई दिल्ली। पिछले साल चमकी बुखार ( Chamki Fever ) यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस ( Acute Encephalitis ) के कारण बिहार के अलग-अलग जिलों में करीब तीन सौ से ज्याद बच्चों की मौत हुई थी। कहा जा रहा था कि लीची के कारण बच्चों में यह खतरनाक बीमारी हो रही है। करीब छह महीने बाद इस सिंड्रोम को लेकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लीची के कारण बच्चों में यह बीमारी नहीं हुई।
पीएमसीएच ( PMCH ) के डॉक्टरों ने रिसर्च के बाद दावा किया है कि मुजफ्फरपुर में 300 बच्चों की मौत स्क्रब टाइफस नामक बैक्टीरिया से हुई है। डॉक्टर्स ने कहा कि ये बैक्टीरिया चूहों और छोटे जानवरों के संक्रमण की वजह से बच्चों को बीमार करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी को लेकर करीब छह महीने तक रिसर्च किया गया है। रिसर्च पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों ने आईसीएमआर प्रोजेक्ट के तहत किया है जिसमें 6 माह में 500 बीमार मरीजों पर डॉक्टरों ने अध्ययन के बाद पाया कि यह बैक्टीरिया गर्मी के महीनों में पुराने कपड़ों में पैदा होता है और सीधे जानवरों को पहले संक्रमित करता है।
पीएमसीएच के शिशु विभाग के एचओडी डॉ एके जायसवाल ने बताया कि यह रिसर्च रिपोर्ट इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कंटेम्पररी पीडियाट्रिक्स नामक जर्नल में भी प्रकाशित हुई है। रिसर्च में यह साफ हो गया कि एईएस बीमारी न तो लीची से हो रही है और ना ही कुपोषण से बल्कि यह बीमारी गर्मी के मौसम में ही बैक्टीरिया की वजह से होती है। डॉक्टरों की टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि अब जरूरत है कि इन बैक्टीरिया को पैदा होने से रोका जाए ताकि संक्रमण की नौबत ही नहीं आए। हालांकि, डॉक्टरों ने यह भी दावा किया कि इस बीमारी में एजिथ्रॉल ग्रुप की दवा उपयोग करना बेहद कारगर साबित होगा क्योंकि बीमार बच्चों में इस दवा का उपयोग कर यह भी पता कर लिया गया है कि इस ग्रुप की दवा एईएस में कारगर है।

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