अब बिना पंजीकरण के नहीं बेच सकते बीड़ी-सिगरेट
Published: Aug 28, 2016 01:47:00 pm
राज्य सरकार ने युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के सख्ती दिखाते हुए खुली बीड़ी-सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय
शिमला। राज्य सरकार ने युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के सख्ती दिखाते हुए खुली बीड़ी-सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अब बिना पंजीकरण करवाए बीड़ी-सिगरेट नहीं बेची जा सकेगी। इसी तरह तम्बाकू उत्पादों को बेचने के लिए 3 साल में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। बिना इसके बिक्री करने पर 1 साल की कैद होगी व 1 लाख रुपए तक जुर्माना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में खुली सिगरेट व बीडिय़ों के विक्रय का प्रतिषेध और सिगरेटों तथा अन्य तम्बाकू उत्पादों के खुदरा कारोबार का विनियमन विधेयक, 2016 प्रस्तुत किया। इस विधेयक के मानसून सत्र के अंतिम दिन 27 अगस्त को पारित होने की संभावना है। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार किसी भी दुकानदार को तम्बाकू उत्पाद बेचने के लिए 3 महीने के भीतर पंजीकरण करवाना होगा। इसके बाद खुली बीड़ी-सिगरेट बेचते हुए यदि कोई भी पकड़ में आया तो उसे सजा का प्रावधान किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका के आधार पर खुली बीड़ी-सिगरेट की बिक्री को प्रतिबंधित किया है। इस आधार पर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में खुली बीड़ी-सिगरेट बेचने पर पाबंदी लगा दी है। उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षण संस्थानों के आसपास खुली बीड़ी-सिगरेट बिकने से बच्चे नशे के आदी हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने नशाखोरी रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था की है कि शिक्षण संस्थानों से तम्बाकू उत्पाद उचित दूरी पर बिकें। इस विधेयक के पारित होने पर अब यदि कोई दुकानदार खुली बीड़ी-सिगरेट बेचता है तो उसकी शिकायत पुलिस से की जा सकती है।