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अब प्राचीन स्मारकों के 100 मीटर दायरे में भी हो सकेगा निर्माण, लोकसभा में बिल पास

Published: Jan 03, 2018 02:22:49 pm

Submitted by:

Pradeep kumar

मंगलवार को लोकसभा में संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण प्रदान करने वाला बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया।

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नई दिल्ली। अब संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण के लिए अनुमति मिलने में आसानी हो गयी जायेगी। दरअसल मंगलवार को लोकसभा में संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण प्रदान करने वाला बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस बिल के पास होने से सालों से अटके हुए निर्माण योजनाओं को जल्द हरी झंडी मिलने की संभावना जताई जा रही है। इन योजनाओं में मेट्रो संबंधित निर्माण, रोड, पुलिया और ब्रिजों से संबंधित निर्माण शामिल हैं।

भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के कानून के तहत पहले निर्माण संभव नहीं था
इस प्रस्तावित बिल के चलते अब प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थलों के 100 मीटर के दायरे में भी हाईवे,पुलों और हवाई अड्डों का निर्माण किया जा सकेगा। पहले भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के कानून के तहत यहां किसी तरह का निर्माण संभव नहीं था।

पिछले वर्ष ही केंद्रीय कैबिनेट ने इससे संबंधित विधेयक पास किया
बता दें कि पिछले वर्ष मई में केंद्रीय कैबिनेट ने इस कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पास किया था। कहा गया कि इस निर्माण पर लगी रोक से सरकार के कई विकास योजनाओं पर असर पड़ रहा है, इसी को आधार बना कर यह बिल पास किया गया था।

इस नियम के चलते कई अरसों से कई विकास परियोजनाएं अटके
मंगलवार को इस मामले में पेश हुए बिल के बहस के दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने लोकसभा में कहा कि इस नियम के चलते कई इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं अटके पड़े हैं। उन्होंने ऐसे परियोजनाओं के उदाहरण देते हुए कहा कि ‘कोल्हापुर में ऐसे ही एक पुल का निर्माण 112 साल से रुका हुआ है ,क्योंकि निर्माण कि वो जगह एक ऐतिहासिक स्मारक से सिर्फ 40 मीटर दूर है, ऐसे ही कोलकाता और पुणे की मेट्रो रेल परियोजना, यमुना पर प्रस्तावित पुल क निर्माण आदि कई योजनाएं हैं जो लम्बे अरसे से अटके पड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि आनेवाले किसी भी दिन यदि कोल्हापुर पुल गिरता हैं तो इस हादसे में सैकड़ों लोग मारे जाएंगे, इस पुल को पुनर्निर्माण की जरूरत है।

विधेयक सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के लिए मान्य
भारत व्यापार संवर्धन संगठन को अपने मथुरा रोड-रिंग रोड अंडरपास परियोजना के मूल नक्शे को बदलना पड़ा। क्योंकि उस ब्लूप्रिंट के तहत जो निर्माण किया जाना था वह पुराना किला और शेर शाह सूरी किले के बेहद नजदीक था। जिस वजह से वह स्मारकों के पास निर्माण संबंधित पुराने नियम को पूरा करने में असफल था, इसलिए निर्माण के जगह में परिवर्तन किया गया। अब बिल के पास होने से इस तरह के स्थितियों से बचा जा सकता है। हालांकि यह बिल सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित और स्वीकृत परियोजनाओं के लिए ही मान्य होगा।

‘सभी पार्टियों ने विधेयक के पक्ष में समर्थन दिया’
बिल पास होने के बाद संस्कृति मंत्री ने कहा कि ‘सभी पार्टियों ने इस विधेयक के लिए समर्थन दिया।’ बात दें भारत में 3,600 से अधिक स्मारकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षण प्राप्त है। संस्कृति मंत्री ने पिछले तीन वर्षों में यूनेस्को द्वारा भारत के छह स्मारकों को मान्यता दिए जाने पर भी खुशी जतायी।

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