नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा, समानता और गरिमा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि तीन तलाक पर मोदी सरकार के रुख के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई छिपा एजेंडा नहीं है। प्रसाद ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि इस मामले पर केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा संवैधानिक मूल्यों पर आधारित है जो हर नागरिक को समान अधिकार और गरिमा प्रदान करता है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस आरोप को खारिज करते हुए कि सरकार का यह कदम मुस्लिम समुदाय के लिए बने पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप है, प्रसाद ने कहा कि कोई भी भेदभावकारी प्रथा आस्था का हिस्सा नहीं बन सकती है। कानून मंंत्री ने कहा, आस्था के अधिकारों का हम पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन इसके नाम पर गलत प्रथा को हम स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि यह संवैधानिक रूप से स्वीकार्य नहीं है।
भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की पुरजोर वकालत करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि जब 12 से भी ज्यादा मुस्लिम बहुल देश तीन तलाक की प्रथा को नियंत्रित कर सकते हैं तो इस दलील को कैसे न्यायोचित ठहराया जा सकता है कि सरकार का रुख शरीयत का उल्लंघन करने वाला है।
कानून मंत्री ने बताया कि तीन तलाक प्रथा से पीडि़त मुस्लिम समुदाय की तीन महिलाओं ने इसकी वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने इस पर केंद्र का जवाब मांगा था। सरकार ने इस पर सुविचारित जवाब दाखिल किया जो देश के संविधान के मौलिक अधिकारों के अनुरूप है।
मंत्री ने कहा, भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। हम ऐसा माहौल नहीं रख सकते हैं जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं खुद को सिर्फ इसलिए असहाय महसूस करें क्योंकि वे खास धर्म से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को समान नागरिक संहिता से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विधि आयोग अलग से विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा विधि विभाग ने यूसीसी पर सभी पक्षकारों से राय ली है। हम चाहते हैं कि सभी पक्षकारों से व्यापक राय आए और इस मुद्दे पर गहन चर्चा हो। मंत्री ने कहा कि वक्त बदल रहा है और मुस्लिम महिलाओं समेत देश के लोग विकास के समान सहभागी बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मुझे पक्का विश्वास है कि भारतीय मुसलमान देश के संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करके पूरी दुनिया के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं।