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भाजपा ने प्रधानमंत्री की डिग्रियां दिखाईं, आप ने फर्जी बताया

Published: May 09, 2016 10:14:00 pm

भाजपा ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीए तथा एमए की डिग्री सार्वजनिक की है

BJP discloses modi degree

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नई दिल्ली। भाजपा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्रियां सार्वजनिक कीं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री की शैक्षिणिक योग्यता के बारे में झूठ बोल रहे हैं। लेकिन केजरीवाल ने अपनी बात दोहराई और उनकी पार्टी ने मोदी के अंक-पत्रों में कई गड़बडिय़ां ढूढ़ कर मीडिया के सामने पेश कर दीं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री को दिल्ली विश्वविद्यालय से मिली स्नातक कला की डिग्री और गुजरात विश्वविद्यालय से मिली स्नातकोत्तर की डिग्री को हाथ में लेकर दिखाया।

शाह ने कहा, किसी व्यक्ति के निजी जीवन के बारे में आधारहीन आरोप लगाने से पहले उस व्यक्ति को तथ्यों की सत्यता प्रमाणित कर लेनी चाहिए थी। मैं आज यह सोचकर शर्मिंदा हूं कि ऐसा दिन भी आएगा कि मुझे प्रधानमंत्री की डिग्रियां सार्वजनिक करनी पड़ेंगी।

शाह ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी बी.ए. की डिग्री और गुजरात विश्वविद्यालय से जारी एम.ए. की डिग्रिया हाथों में लहराते हुए कहा, केजरीवाल को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

शाह ने कहा, बगैर किसी ठोस सबूत के इस मुद्दे को उठाकर केजरीवाल ने राजनीति के स्तर को गिराया है। उन्होंने राष्ट्र को बदनाम करने का पाप किया है।

जेटली ने केजरीवाल की खिल्ली उड़ाई और कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप उस पार्टी ने लगाए हैं, जिसके विधायकों के खिलाफ फर्जी डिग्रियों के लिए मुकदमे चल रहे हैं।

जेटली आप विधायक जीतेंद्र सिंह तोमर का जिक्र कर रहे थे, जिनकी फर्जी डिग्री का खुलासा होने के बाद उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री का पद खोना पड़ा था और उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा आप की एक अन्य विधायक भी अपनी शैक्षिक अयोग्यता को लेकर विवादों में है।

लेकिन दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (आप) मोदी की डिग्री के मुद्दे को लगातार जिंदा किए हुए है। आप ने कहा कि शाह और जेटली द्वारा दिखाई गईं डिग्रियां फर्जी हैं।

आप के प्रवक्ता आशुतोष ने सोमवार को कहा, 1975 में जारी बी.ए. की प्रथम वर्ष की अंक तालिका में उनका नाम ‘नरेंद्रकुमार दामोदरदास मोदी’ है, जबकि द्वितीय वर्ष की अंक तालिका में उनका नाम ‘नरेंद्र दामोदरदास मोदी’ तथा तृतीय वर्ष 1977 में उनकी अंक तालिका में उनका नाम ‘नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी’ है।

इसी तरह गुजरात विश्वविद्यालय से जारी एम.ए. प्रथम वर्ष के अंक-पत्र पर मोदी नरेंद्र कुमार दामोदरदास लिखा हुआ है, जबकि द्वितीय वर्ष के अंक-पत्र पर मोदी नरेंद्र दामोदरदास नाम लिखा हुआ है।

आशुतोष से सवाल किया, आपको अपना नाम बदलने के लिए हलफनामा देने की जरूरत पड़ती है। कहां है हलफनामा? मोदी शब्द की अंग्रेजी की स्पेलिंग में भी एक जगह आई है, तो दूसरी जगह वाई। आशुतोष ने जानना चाहा कि आखिर उपनाम की स्पेलिंग आई से वाई कैसे बदल गई?

आशुतोष ने कहा, उनकी एम.ए. की डिग्री कहती है कि उन्होंने परास्नातक की पढ़ाई(एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ में की है। क्या यह संभव है? प्रमाणपत्रों में ढेर सारी स्पष्ट गड़बडिय़ां हैं।

बाद में केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि भाजपा ने शाह-जेटली के संवाददाता सम्मेलन में फर्जी दस्तावेज पेश किए और असली रिकॉर्ड को सील करवा दिया। केजरीवाल ने जवाब मांगा कि मोदी की बी.ए. की डिग्री से संबंधित ‘असली दस्तावेजÓ सील क्यों कर दिए गए हैं।

उन्होंने विश्वविद्यालय से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश को लागू करने का आग्रह किया। सीआईसी ने विश्वविद्यालय से मोदी की बी.ए. की डिग्री को वेबसाइट पर जारी करने को कहा था।

मुख्यमंत्री कहा, डीयू में दस्तावेज सील कर दिए गए हैं। भाजपा ने पीसी (संवाददाता सम्मेलन) में फर्जी दस्तावेज दिखाए और असली रिकॉड्र्स सील कर दिए। क्यों? सीआईसी का आदेश लागू करें। जांच की अनुमति दें।

जेटली ने कहा कि मोदी ने अपनी पढ़ाई कठिन परिस्थितियों में की थी और बी.ए. की परीक्षा देने के लिए वह गुजरात से दिल्ली आए थे, जहां वह एबीवीपी के कार्यालय में रुके थे।

जेटली ने कहा, जो लोग आम आदमी होने का दावा करते हैं उन्हें कम से कम प्रधानमंत्री की प्रशंसा करनी चाहिए। इससे बड़ा आम आदमी का कोई और उदाहरण नहीं हो सकता।

मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ करेस्पांडेंस कार्सेस में 1975 में एक बी.ए. (पास) विद्यार्थी के रूप में नामांकन कराया था। यह देश में आपातकाल का समय था, और मोदी ने उसके खिलाफ आंदोलन किया था।

कांग्रेस प्रारंभ में इस मुद्दे पर शांत थी, लेकिन अब उसने भी कहा कि भाजपा द्वारा जारी दस्तावेज अधिक संदेह पैदा करते हैं। प्रधानमंत्री ने अभी इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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