बता दें, हाई कोर्ट ने 17 सितंबर को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर राजा को तलब किया था। कोर्ट का कहना था कि न्यायपालिका के अपमान करने का कोई भी प्रयास फासीवाद को बढ़ावा दे सकता है। इसी निर्देश के तहत वह जस्टिस सीटी सेल्वम और एम निर्मल कुमार की पीठ के सामने पेश हुए।
पाक का कश्मीर राग: इमरान खान ने कहा, बातचीत के लिए आगे आए भारत राजा ने अपने माफीनामे में कहा है कि वह न्यायालय का सम्मान करते हैं। उन्होंने भावुकता में टिप्पणी की थी और इसके लिए वह अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हैं।
ये था मामला पिछले महीने पुडुकोट्टि में गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा के दौरान एच. राजा एक पुलिसकर्मी से भिड़ गए थे। इस मौके पर उन्होंने पुलिसकर्मी को ‘हिंदू विरोधी’ और ‘भ्रष्ट’ कहने के साथ-साथ न्यायपालिका के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी। जिस कारण उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने शोभायात्रा मार्ग को लेकर अदालत के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें रोका था।