kolkata. देश के पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए भाजपा ममता बनर्जी के दीदी के बोलो के तर्ज पर केंद्रीय मंत्री से बोलो मुहिम शुरू करने जा रही है। भाजपा को उम्मीद है कि जिस तरह 2021 में तृणमूल कांग्रेस को दीदी को बोलो अभियान से पश्चिम बंगाल में सफलता मिली थी उसी तरह भाजपा को भी केंद्रीय मंत्री से बोलो अभियान से सफलता मिल सकती है।
इस अभियान के शुरू करने के पीछे भाजपा का मुख्य उद्देश्य अपने खिलाफ एंटीकंबेंसी को प्रभावहिन कर 2022 में होने वाले पांच राज्यों के चुनवी वैतरणी को पार करना है। अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव होंगे हैं। इनमें से पंजाब को छोडक़र सभी राज्यों में भाजपा और उसके गठबंधन की सरकार है।
भाजपा के नेताओं का दावा है कि यह अभियान तृणमूल कांग्रेस का नकल नहीं है। भाजपा के सांसद और मंत्री पहले भी जनता दरबार लगाते थे। उसी तर्ज पर पार्टी की समन्वय शाखा ने इस योजना को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे आम जनता केंद्रीय मंत्रियों से सीधे बात कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ‘दीदी के बालो’ योजना के तहत लोग सीधे ममता बनर्जी को फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराते थे और सरकार उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करती थी।
मंत्री से होगी सीधी बात
इस अभियान के शुरू करने के पीछे भाजपा का मुख्य उद्देश्य अपने खिलाफ एंटीकंबेंसी को प्रभावहिन कर 2022 में होने वाले पांच राज्यों के चुनवी वैतरणी को पार करना है। अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव होंगे हैं। इनमें से पंजाब को छोडक़र सभी राज्यों में भाजपा और उसके गठबंधन की सरकार है।
भाजपा के नेताओं का दावा है कि यह अभियान तृणमूल कांग्रेस का नकल नहीं है। भाजपा के सांसद और मंत्री पहले भी जनता दरबार लगाते थे। उसी तर्ज पर पार्टी की समन्वय शाखा ने इस योजना को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे आम जनता केंद्रीय मंत्रियों से सीधे बात कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ‘दीदी के बालो’ योजना के तहत लोग सीधे ममता बनर्जी को फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराते थे और सरकार उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करती थी।
मंत्री से होगी सीधी बात
दीदी के बोलो से मंत्री को बोलो की पद्धति में थोड़ा फर्क होगा। भाजपा के सूत्रों के अनुसार प्रत्येक सप्ताह पार्टी के प्रदेश मुख्यालयों में केन्द्रीय मंत्री उपस्थित होंगे और वे सीधे जनता की शिकायत सुनेंगे। बाद में समन्वय शाखा के पदाधिकारी लोगों को बताऐंगे कि केंद्र सरकार ने उनकी शिकायत पर क्या कदम उठाई है।