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पद्मावती में बाधा- धमकी, अलग तरह की सेंसरशिप : बॉम्बे हाईकोर्ट

locationनई दिल्लीPublished: Dec 08, 2017 12:00:39 am

Submitted by:

Chandra Prakash

टीवी पर धमकियां दिखा रहे लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा, अजीब परिदृश्य जहां एक मुख्यमंत्री कह रहा है कि वह फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे : कोर्ट

Bombay High Court
फिल्म पद्मावती पर रोक को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। फिल्म के प्रदर्शन को लेकर बाधा पहुंचाने के तरीके पर गुरुवार को तल्ख टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ये एक अलग तरह की सेंसरशिप है। कोर्ट ने फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को दी जा रही धमकियों पर भी चिंता जताई। कहा, ये संकेत देता है कि हम कहां आ गए हैं!
जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने कहा, ‘ हमारे सामने ये एक अजीब परिदृश्य है जहां एक मुख्यमंत्री कह रहा है कि वह फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।’ कोर्ट ने आगे कहा कि ‘ऐसे तो कल लोग बैठकें नहीं कर पाएंगे। वे क्या सोचते हैं दूसरों से कह नहीं पाएंगे। मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
दाभोलकार-पनसारे मामले में याचिका पर सुनवाई

पीठ गुरुवार को नरेंद्र दाभोलकार और सीपीआई के नेता गोविंद पनसारे के हत्या मामले में उनके परिजनों द्वारा दायर देरी के आरोप वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने सीबीआई और सीआईडी को जांच में तेजी का निर्देश देते हुए कहा कि दूसरे देशों में ऐसी घटनाओं के आरोपियों को जीवित या मृत घटना के कुछ घंटों में ही गिरफ्तार कर लिया जाता है। मगर ऐसा लगता है हमने संसद या अपने प्रधानमंत्री पर हमले से भी कुछ नहीं सीखा।
पूछा, किस देश में दी जाती है कलाकारों को धमकी
ऐसे अपराधों की जड़ में कुछ उन्मादी लोगों के समूह का दुस्साहस है जो अपनी अलग विचारधारा, सोच, भावनाओं और विचारों को सामने रखने वालों पर हमला करते हैं। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधि वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंडागी और बतौर सीबीआई प्रतिनिधि के रूपए में उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से पूछा किन अन्य देशों में कलाकारों को धमकियां दी जाती हैं? खंडपीठ ने कहा, ‘यह चिंताजनक है कि एक व्यक्ति जो एक फीचर फिल्म बनाता हैं, कई लोग निरंतर काम करते हैं और वे धमकियों के चलते इसे प्रदर्शित नहीं कर पा रहे है।’
सबसे बड़े लोकतंत्र पर गर्व नहीं कर पाएंगे
कोर्ट ने कहा कि लोग हत्या करने वालों को इनाम देने की बात कह रहे हैं। ये धममियां टीवी पर दिखाई जा रही हैं। लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा। खंडपीठ ने चिंता जताई कि उनके लिए ये महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे देश की छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में हम इस बात पर गर्व नहीं कर सकते कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा हैं।
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