ऐसे अपराधों की जड़ में कुछ उन्मादी लोगों के समूह का दुस्साहस है जो अपनी अलग विचारधारा, सोच, भावनाओं और विचारों को सामने रखने वालों पर हमला करते हैं। पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधि वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंडागी और बतौर सीबीआई प्रतिनिधि के रूपए में उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से पूछा किन अन्य देशों में कलाकारों को धमकियां दी जाती हैं? खंडपीठ ने कहा, ‘यह चिंताजनक है कि एक व्यक्ति जो एक फीचर फिल्म बनाता हैं, कई लोग निरंतर काम करते हैं और वे धमकियों के चलते इसे प्रदर्शित नहीं कर पा रहे है।’
कोर्ट ने कहा कि लोग हत्या करने वालों को इनाम देने की बात कह रहे हैं। ये धममियां टीवी पर दिखाई जा रही हैं। लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा। खंडपीठ ने चिंता जताई कि उनके लिए ये महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे देश की छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में हम इस बात पर गर्व नहीं कर सकते कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा हैं।