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सावधान: एलईडी की नीली रोशनी से हो सकता है स्तन कैंसर, शोध में हुआ खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: Apr 28, 2018 09:52:25 pm

Submitted by:

Anil Kumar

दरअसल एक शोध से यह खुलासा हुआ है कि आउटडोर एलईडी स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है

breast cancer

नई दिल्ली। तकनीकी विकास ने दुनिया को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है लेकिन साथ ही लोगों के जीवन स्तर पर भी प्रभाव डाला है। तकनीक ने लोगों के जीवन को जितना सरल और सुविधाजनक बनाया है तो वहीं जीवन को अलग-अलग तरीके से प्रभावित भी किया है। दरअसल एक शोध से यह खुलासा हुआ है कि आउटडोर एलईडी स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के एक समूह ने दावा करते हुए कहा कि आउटडोर एलईडी स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी सेहत के लिए नुकसान देह है। बता दें कि ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटेर और बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (आईएसग्लोबल) ने मैड्रिड और बार्सिलोना में 4,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि जो लोग लईडी की रोशनी में ज्यादा रहते हैं, उन्हें ऐसी रोशनी में कम रहने वालों की तुलना में स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा डेढ़ गुना बढ़ जाता है।

नीली रोशनी हार्मोन पर डालता है असर

गौरतलब है कि यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि एलईडी लाइट्स से निकलनेवाली ‘नीली रोशनी’ शरीर की जैविक संचार को प्रभावित करती है, जिससे नींद का पैटर्न बदल जाता है। इससे शरीर में हार्मोन के स्तर पर असर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि हार्मोन में परिवर्तन होने के कारण स्तन और प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

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रात में काम ? करना खतरनाक: विश्व स्वास्थ्य संगठन

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने माना है कि रात में काम करना बेहद ही खतरनाक होता है। डब्ल्यूएचओ की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी (आईएआरसी) ने मनुष्यों के लिए रात के समय काम करने को कैंसर का खतरा बताया है। ईएस ग्लोबल की शोधार्थी और अध्ययन की संयोजक मेनोलिस कोजेविन्स ने बताया, “इस शोध में हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि शहरों में रात में रौशनी में रहने से कहीं इन दोनों तरह के कैंसर के विकास का संबंध तो नहीं है।”

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