बीएसएफ ने यह कदम भारतीय स्वाधीनता दिवस समारोह के मद्देनजर उठाया है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी युवा महिलाओं को आत्मघाती दस्ते के रूप में देश में भेज सकते हैं। ऎसे में किसी भी असावधानी से बचने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज ने महिला कमांडोज को यह जिम्मेदारी दी है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष बर्दवान के खागरागढ़ में 2 अक्टूबर को हुए ब्लास्ट में एक गृहणी रजिया बीबी की मदद ली गई थी।
एजेंसियों के मुताबिक बांग्लादेशी आतंकी गुट जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन जवान महिलाओं की भर्ती कर रहे हैं। इनमें घरेलू महिलाओं जैसी दिखने वाली लड़कियों को भर्ती किया जा रहा है, जिन पर कोई शक नहीं कर सके। उन्हें भर्ती करने के बाद पूरी सैन्य तथा आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है।
वर्तमान में बीएसएफ ने 27 असिस्टेंट कमांडों रेज के महिला ऑफिसर्स की डयूटी लगाई है। इसके अलावा 2000 महिला सैनिको को भी कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है। बीएसएफ ने कहा कि महिलाओं का नाइट पेट्रोलिंग में भी लगाया जाएगा।