नौ महिलाओं और 16 बच्चों समेत 31 लोग
दास ने कहा कि हमने पासपोर्ट अधिनियम के तहत उनके विरुद्ध एक मामला दर्ज करवाया है, बच्चे समेत उन्हें बालगृह में रखा जाएगा। नौ महिलाओं और 16 बच्चों समेत 31 लोग पश्चिमी त्रिपुरा के भारत-बांग्लादेश की जीरो लाइन पर फंसे हुए थे। इस बाबत बीएसएफ और बार्डर गार्ड्स बांग्लादेश के बीच बैठकें हुई थीं, लेकिन बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को वापस लेने से मना कर दिया था। इसबीच सोमवार रात त्रिपुरा-असम सीमा पर 30 और रोहिंग्याओं को हिरासत में लिया गया। उत्तर त्रिपुरा जिला पुलिस अधीक्षक भानुपाड़ा चक्रबर्ती ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें चुराईबारी में गुवाहाटी जाने वाली बस से असम पुलिस ने गिरफ्तार किया।
कौन है रोहिंग्या
भारत के तटवर्ती देश म्यांमार के रहने वाले
रोहिंग्या दरअलस, भारत के तटवर्ती देश म्यांमार के रहने वाले हैं। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या समुदाय को वहां से खदेड़ा जा रहा है। म्यांमार में इनके खिलाफ सैन्य अभियान छेड़ा गया है, जिसकी वजह से लाखों की तदाद में रोहिंग्या समुदाय के लोगों अपना घरबार छोड़कर निकटवर्ती देशों में आ बसे हैं। बांग्लादेश में रोहिंग्या समुदाय के लोग सबसे अधिक संख्या में रह रहे हैं। म्यांमार का मानना है कि ये रोहिंग्या वहां के मूल निवासी नहीं है। इसलिए उनको वहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।