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दो जवानों की बहादुरी ने बचाई साथियों की जान, गैलेंट्री अवॉड देने की सिफारिश

Published: Aug 06, 2015 08:04:00 pm

दो जांबाज जवानों का बहादुरी ने उनके सभी साथियों की जान बचा ली। 

encounter between BSF

encounter between BSF

नई दिल्ली। बीते बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ की बस पर आतंकियों के हमले में कई और जवान शहीद हो सकता थे। लेकिन दो जांबाज जवानों का बहादुरी ने उनके सभी साथियों की जान बचा ली।

बीएसएफ के जवान रॉकी और शुभेंदु राय ने आतंकियों का डट कर मुकाबला किया। दोनों गंभीर रूप से घायल हो चुके थे फिर भी हमला करने वाले एक आतंकी को मार गिराया। बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने बताया कि जिस बस पर आतंकियों ने गोलीबारी की थी, उसमें सिर्फ रॉकी ही एक ऎसा जवान था, जिनके पास हथियार थे। डीजी ने रॉकी की तारीफ करते हुए कहा कि उसने बस में सवार सभी जवानों की जान बचाने का काम किया। आतंकियों का मुकाबला करते हुए शहीद होने वाले जावान रॉकी को जैसे ही यह पता चला कि बस पर कोई फायरिंग कर रहा है, उन्होंने तुरंत अपने हथियार तैयार कर लिए। रॉकी को यह पता चल चुका था कि बस चला रहे कांस्टेबल शुभेंदु आतंकियों की गोली से घायल चुके हैं। लेकिन शुभेंदु ने घायल होने के बाद भी बस को नहीं रोका। इसी कारण आतंकी बस में नहीं घुस सकें।

इसी दौरान रॉकी ने देखा कि आतंकी बस का दरवाजा खोल अंदर घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपना निशाना दरवाजे की ओर साधा और ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। जिससे एक आतंकी मौके पर ही ढेर हो गया। रॉकी ने अपनी बंदूक की सभी गोलियां आतंकी के शरीर पर उतार दीं। हालांकि एक आतंकी मौके से फरार हो गया, जिसे बाद में बंधक बनाए ग्रामीणों ने दबोचा लिया। डीके पाठक ने कहा कि यदि रॉकी और शुभेंदु इस तरह वीरता से आतंकियों का मुकाबला नहीं करते तो हमें और नुकसान हो सकता था। बुरी तरह घायल होने के बाद भी रॉकी ने मोर्चा संभाले रखा। रॉकी की बहादुरी को देखते हुए सरकार ने संसद में इस बात का ऎलान किया हैं कि वह दोनों जवानों को गैलेंट्री अवॉर्ड दिए जाने की सिफारिश करेगी।
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