सीमा पर चल रहा स्मार्ट फेसिंग का काम
उन्होंने बताया कि सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग का काम चल रहा है। 2018 तक इस प्रोजेक्ट का पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हर पांच-पांच किलोमीटर पर स्मार्ट फेंसिंग होगी। इसमें एक विशेष सेंसर लगाया जाएगा। जैसे ही कोई सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश करेगा वैसे ही कंट्रोल रूम को पूरी जानकारी मिल जाएगी। जिसके बाद खबर मिलते ही क्विक रिएक्शन टीम मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर सकेगी।
उन्होंने बताया कि सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग का काम चल रहा है। 2018 तक इस प्रोजेक्ट का पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हर पांच-पांच किलोमीटर पर स्मार्ट फेंसिंग होगी। इसमें एक विशेष सेंसर लगाया जाएगा। जैसे ही कोई सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश करेगा वैसे ही कंट्रोल रूम को पूरी जानकारी मिल जाएगी। जिसके बाद खबर मिलते ही क्विक रिएक्शन टीम मौके पर पहुंच कर कार्रवाई कर सकेगी।
रोहिंग्या को वापस भेजने में जुटी बीएसएफ
इसके साथ बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर अमल करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने में जुटी हुई है। बीएसएफ ने पिछले कुछ महीने में 87 रोहिंग्या को पकड़ा है, जिसमें से 76 को वापस भेजा जा चुका है। साथ ही इनकी घुसपैठ रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर कम से कम पांच अतिरिक्त बीएसएफ बटालियन बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। बीएसएफ की नीति उनको पकड़कर वापस भेजने की है। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, क्योंकि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो इसके बाद वे भारत सरकार की जिम्मेदारी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल रोहिंग्या को वापस लेने से बचता है। मगर अच्छे संबंधों के चलते उनको वापस भेजने में सफलता पाई है।
इसके साथ बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर अमल करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने में जुटी हुई है। बीएसएफ ने पिछले कुछ महीने में 87 रोहिंग्या को पकड़ा है, जिसमें से 76 को वापस भेजा जा चुका है। साथ ही इनकी घुसपैठ रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर कम से कम पांच अतिरिक्त बीएसएफ बटालियन बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। बीएसएफ की नीति उनको पकड़कर वापस भेजने की है। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, क्योंकि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो इसके बाद वे भारत सरकार की जिम्मेदारी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल रोहिंग्या को वापस लेने से बचता है। मगर अच्छे संबंधों के चलते उनको वापस भेजने में सफलता पाई है।
रोहिंग्या के आईएस से संबंध होने का नहीं मिला सुराग
केके शर्मा ने कहा कि अभी तक बीएसएफ को ऐसे कोई सुराग नहीं मिले है, जिससे साबित होता है कि उनके आतंकी संगठन आईएस से किसी तरह का संबंध है। उन्होंने बताया कि अभी तक सुरक्षा बल को जितने भी रोहिंग्या जाति के लोग मिले हैं। उनमें से किसी के पास हथियार नहीं मिला है।
केके शर्मा ने कहा कि अभी तक बीएसएफ को ऐसे कोई सुराग नहीं मिले है, जिससे साबित होता है कि उनके आतंकी संगठन आईएस से किसी तरह का संबंध है। उन्होंने बताया कि अभी तक सुरक्षा बल को जितने भी रोहिंग्या जाति के लोग मिले हैं। उनमें से किसी के पास हथियार नहीं मिला है।