बजट पढ़ते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को “आपदा में अवसर” की तरह बताया। उन्होंने कहा कि हमने बजट में आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 27.1 लाख करोड़ रुपए दिए जो कुल जीडीपी का 13 प्रतिशत है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में बताते हुए अपना बजट प्रस्ताव पढ़ा।
भाषण की शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा – भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा – अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चौथा – मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, पांचवा – नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ – न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।
उन्होंने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए देने की बात कही। इस बार 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए के हेल्थ बजट की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि आवश्यकता हुई और और भी बजट दिया जाएगा। पिछली बार के बजट (92 हजार करोड रुपए) की तुलना में इस बार 137 फीसदी की बढो़तरी की गई है।
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और वेल बीईंग, पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजनाएं शुरु की जाएंगी। इन पर अगले 6 वर्षों में 61 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके तहत 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र और क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल, बनाए जाएंगे। इनके अतिरिक्त 602 जिलों में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेडेट हेल्थ सेंटर्स का नेटवर्क बनाकर हेल्थ सेक्टर को मजबूत बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी शहरी निकायों के लिए जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। बच्चों के पोषण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। क्लीन एयर के लिए भी दो हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए वित्तमंत्री ने मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करने की बात कही। इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया था।
उज्जवला स्कीम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 8 करोड़ परिवारों को जोड़ा जा चुका है और भविष्य में एक करोड़ परिवार और जोड़े जाएंगे। इसके साथ ही 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
इलेक्ट्रिसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की लागत की स्कीम लॉन्च करेगी। इसके साथ ही हाइड्रोजन प्लांट बनाने का भी ऐलान किया गया है। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में PPP मोड में कई नई प्रोजेक्ट्स को स्टार्ट किया जाएगा।
इस बार के बजट में सबसे चौंकाने वाली बात इंश्योरेंस सेक्टर पर रही। इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी गई है परन्तु इसके बोर्ड में मेंबर्स का भारतीय होना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही LIC का भी IPO जारी किया जाएगा।
कृषि बिलों पर सरकार से नाराज चल रहे किसानों को मनाने के लिए भी वित्त मंत्री ने आज कई बड़ी घोषणाएं की। इनमें MSP को लागत से डेढ़ गुणा करने सहित गांवों में वेलनेस सेंटर स्थापित करना और किसानों को दिए जाने वाले लोन की राशि बढा़ने की घोषणा भी शामिल हैं।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक पोर्टल बनाने की बात भी वित्तमंत्री ने अपने बजट में कही। इसके तहत श्रमिकों को अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रवासी मजदूरों को एक देश-एक राशन कार्ड योजना शुरु की गई है। अब प्रवासी मजदूर अपने राशनकार्ड से पूरे देश में कहीं भी किसी भी जगह से राशन ले सकेंगे। एमएसएमई सेक्टर के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है और उसके बजट को बढ़ाया गया है।
इस बार के बजट में वित्त मंत्री ने यूं तो महिलाओं के लिए कोई बहुत बड़ी घोषणा नहीं की। परन्तु महिलाओं को सभी शिफ्ट्स में काम करने की अनुमति दी जाने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि उन्हें नाइट शिफ्ट के लिए पर्याप्त सुरक्षा भी दी जाएगी।
एजुकेशन सेक्टर में भी आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 100 नए सैनिक स्कूलों के निर्माण की घोषणा हुई है। लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। इनके अलावा एकलव्य मॉडल पर आधारित स्कूल खोले जाएंगे। साथ ही हायर एजुकेशन कमीशन बनाने की भी बात कही है।
कोरोना काल में डिजीटल टेक्नोलॉजी के योगदान को देखते हुए इस बार के बजट में डिजीटल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। परन्तु मोबाइल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी कर दी गई है जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल और चार्जर महंगे होने की उम्मीद है। ऑटो पार्ट्स पर भी कस्टम ड्यूटी बढा कर 15 फीसदी कर दी गई है।
75 साल से अधिक उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम टैक्स फाइल करने में छूट दी गई है। इसके साथ ही पेन्शन से होने वाली आय पर इनकम टैक्स भी नहीं देना होगा। हालांकि मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में इस बार किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है और न ही उन पर कोई नया टैक्स लगाया गया है।