परियोजना समय से पूरा हो इसके लिए दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि तीन स्तरों पर परियोजना की समीक्षा की जाएगी और जहां भी कमी नजर आएगी उसको दूर किया जाएगा। बैठक में भारत में जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सू, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, नीति आयोग, परियोजना से संबंधित मंत्रालय, गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकारियों के अलावा जापान इंटरनेशनल कॉरपारेशन एजेंसी (जीका) और नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
सीधे प्रधानमंत्री को सौंपेगे रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह तय किया गया कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार हिरोतो इजूमी परियोजना की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी दोनों देशों के प्रधानमंत्री को देंगे। जबकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी हर तीन महीने में समीक्षा करके परियोजना को जल्द पूरा कराने पर जोर देंगे।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह तय किया गया कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और जापान के प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार हिरोतो इजूमी परियोजना की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी दोनों देशों के प्रधानमंत्री को देंगे। जबकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी हर तीन महीने में समीक्षा करके परियोजना को जल्द पूरा कराने पर जोर देंगे।
महाराष्ट्र, गुजरात सरकार का आश्वासन
बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात सरकार के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जमीन अधिग्रहण को लेकर जहां विवाद है उसका जल्द ही समाधान किया जाएगा। साथ ही निर्माण स्थल के लिए जितनी भी जमीन की जरूरत होगी दोनों सरकारें उपलब्ध कराएंगी।
बैठक में महाराष्ट्र और गुजरात सरकार के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जमीन अधिग्रहण को लेकर जहां विवाद है उसका जल्द ही समाधान किया जाएगा। साथ ही निर्माण स्थल के लिए जितनी भी जमीन की जरूरत होगी दोनों सरकारें उपलब्ध कराएंगी।
समय से काम पूरा करने का दबाव
अगस्त 2022 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन जमीन अधिग्रहण से लेकर कई तरह की तकनीकी समस्याएं अभी सुलझी नहीं है। लेकिन जापान इंटरनेशन कॉरपोरेशन एजेंसी का दबाव है कि तय समय में उन्हें जरूरी सुविधा नहीं मुहैया कराई गई तो समय से काम पूरा नहीं होगा।
अगस्त 2022 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन जमीन अधिग्रहण से लेकर कई तरह की तकनीकी समस्याएं अभी सुलझी नहीं है। लेकिन जापान इंटरनेशन कॉरपोरेशन एजेंसी का दबाव है कि तय समय में उन्हें जरूरी सुविधा नहीं मुहैया कराई गई तो समय से काम पूरा नहीं होगा।