पहाड़ बचेंगे तभी हमारी संस्कृति भी रह पाएगी सुरक्षितः पटेल
- केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पहाड़ बचाने की अपील की।
- दार्जिलिंग में आयोजित होमस्टे डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग वर्कशॉप के रहे मुख्य अतिथि।
- होमस्टे केेे माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान संभव है, महिलाओं का योगदान भी जरूरी।

दार्जिलिंग। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि पहाड़ की जिंदगी, साधना की जिंदगी है। पहाड़ों को बचाने से ही हमारी संस्कृति सुरक्षित रह पाएगी। दार्जिलिंग के लोग पहाड़ पर रहते हैं और वे चुनौतियों व परेशानियों को पहचानते हैं, लेकिन हिम्मत बनाए रखना उनके स्वभाव की सबसे बड़ी खूबी है। पटेल सोमवार को दार्जिलिंग में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय होमस्टे डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग वर्कशॉप के मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन कर रहे थे।
इस दौरान पटेल ने कहा कि पहाड़ के भविष्य को बचाने के लिए हमें दार्जिलिंग के भविष्य को बचाना होगा। उनका इशारा दार्जिलिंग के युवाओं की ओर था, जो नशे की लत के कारण अपना और दार्जिलिंग का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस दौर में बड़े बदलाव आए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना से यदि किसी मंत्रालय को सबसे अधिक नुकसान हुआ है तो वह पर्यटन है, लेकिन अब धीरे-धीरे पर्यटन विभाग दोबारा पटरी पर लौट आया है। बल्कि कई हिल स्टेशंस पर पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा पर्यटक पहुंचे।
Hon'ble Minister of Tourism & Culture (I/C) Sh. @prahladspatel ji also explained how several meetings with State Tourism Ministers were held during the unprecedented crisis & how hotels were registered on a short notice to extend help to the stranded tourists at the earliest. pic.twitter.com/Xwp64XRE4l
— Ministry of Tourism (@tourismgoi) February 22, 2021
उन्होंने कहा कि हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी है। आज पूरी दुनिया की निगाह भारत के ऊपर टिकी हैं। भारत आज दुनिया का ऐसा देश है, जो डेढ़ सौ देशों को दवाइयां और 17 देशों को वैक्सीन भेज कर मानवता को बचाने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होमस्टे की चर्चा करते हुए कहा कि "अतिथि देवो भव" भारत की पुरातन संस्कृति रही है। जो भी हमारे मेहमान आते थे हम उनको भगवान का दर्जा देते थे। होमस्टे केेे माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान संभव है। हम उनकी संस्कृति को समझ सकेंगे और आनेेे वाले मेहमान पहाड़ों के जीवन को समझ सकेंगे, होमस्टे को विकसित किया जाना इसलिए भी बहुत जरूरी है।
उन्होंने दार्जिलिंग के होमस्टे संचालकों से आह्वान करते हुए कहा कि यदि वह ठीक प्रकार से होमस्टे के इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे तो केंद्र सरकार भी उनके मकानों के सौंदर्यीकरण और उसे स्वच्छ रखने में उनकी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही है, उनका यह दर्शन हम सब को स्वीकार करना चाहिए।
Hon'ble Minister of Tourism and Culture (I/C) Sh. @prahladspatel ji discussed how the government planned a rapid rise in the number of international tourists & how thorough liaison with stakeholders is rebouncing the tourism in India. #EkBharatShreshthaBharat pic.twitter.com/rjyDX7JNG7
— Ministry of Tourism (@tourismgoi) February 22, 2021
पर्यटन राज्य मंत्री ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत को बनाने के लिए सर्वप्रथम हम अपने गांव को आत्मनिर्भर बनाएं, होमस्टे के माध्यम से हमारे देसी और विदेशी पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं दें ताकि वह हमारे घरों पर आएं, उनकी संस्कृति हम सीखेंगे, वह हमारी संस्कृति व हमारे विचारों से रूबरू हों।
पटेल ने आधी आबादी को लेकर कहा कि इस कार्य के लिए परिवार की महिलाओं का योगदान भी बहुत ज्यादा रहेगा क्योंकि देश की आधी आबादी महिला आबादी है और यदि महिलाओं को रोजगार मिलेगा तो महिलाएं और सशक्त होंगी।
उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव है, लेकिन जो यह कार्यक्रम किया जा रहा है, यह चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं किया जा रहा है, इसकी घोषणा 1 साल पहले कर दी गई थी। आरंभ में पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बराला ने सभी का स्वागत किया।
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