सीजेआई ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि अब इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी। लेकिन हम चेतावनी देते हैं कि अगर प्रदर्शन, हिंसा और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो हम सुनवाई नहीं करेंगे।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने रिटायर जजों की जांच कमेटी बनाने की मांग की है। ताकि दिल्ली पुलिस कोई कार्रवाई न करे। इस पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम वीडियो नहीं देखना चाहते। अगर हिंसा जारी रहेगी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता रहेगा तो हम सुनवाई नहीं करेंगे। चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे इस मुद्दे पर सुनवाई हो या नहीं। लेकिन हिंसा के माहौल में हम सुनवाई नहीं कर सकते। यह सब कुछ थमने दीजिए उसके बाद स्वतः संज्ञान लिया जाएगा। हम अधिकारों और शांतिपूर्प प्रदर्शन के खिलाफ नहीं हैं।
बता दें कि रविवार को दक्षिण दिल्ली में जेएमआईयू के छात्रों व भीड़ में शामिल भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया था। नाराज भीड़ ने दक्षिणी दिल्ली को कब्जे में ले लिया। प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने व पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया।
CAA protest: AIMIM प्रमुख ओवैसी बोले- छात्रों को रिहा करे दिल्ली पुलिस , मामले की हो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया।
नाराज भीड़ ने बसों को आग लगा दिया या क्षतिग्रस्त किया और इसके अलावा कारों व एक बाइक को निशाना बनाया। पथराव में दो दमकल अधिकारी घायल हो गए। नए नागरिकता अधिनियम को लेकर दक्षिण दिल्ली में करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चला।