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CAA: शरणार्थियों को देने होंगे धर्म के सबूत, असम के लिए तीन महीने होंगे बेहद खास

locationनई दिल्लीPublished: Jan 28, 2020 01:24:08 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

देश में लागू हो चुका है नागरिकता संशोधन कानून ( CAA )
भारत की नागरिकता ( Citizenship ) पाने के लिए शरणार्थियों को देना पड़ेगा धर्म ( Religion ) का सबूत

Citizenship

भारत की नागरिकता पाने के लिए शरणार्थियों को देना पड़ेगा धर्म का सबूत।

नई दिल्ली। देश में नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) लागू हो चुका है। हालांकि, इस कानून का अब तक विरोध जारी है। इतना ही नहीं कई राज्यों ने इस कानून को लागू करने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, तीन राज्यों केरल ( Kerala ), पंजाब ( Punjab ) और पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में इस कानून के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है। लेकिन, इसी बीच कानून को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कानून के तहत अब शरणार्थियों को भारत की नागरिकता पाने के लिए अपने धर्म का भी सबूत देना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ( Pakistan ), बांग्लादेश ( Bangladesh ) और अफगानिस्तान ( Afghanistan ) से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता पाने के लिए अपने धर्म का भी सबूत देना पड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि सभी गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता का आवेदन के लिए धर्म का सबूत देना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्मावलंबियों को दस्तावेजों के जरिए ये भी साबित करना होगा कि वे भारत में 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले आए हैं। सरकारी अधिकारी ने बताया कि CAA के तहत जो भी शख्स भारत की नागरिकता चाहेगा, उसे अपनी धार्मिक मान्यता का साक्ष्य देना होगा और CAA के तहत जारी होने वाली नियमावली में इसका उल्लेख किया जाएगा। गौरतलब है कि CAA के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्मावलंबियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि असम में नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता पाने के लिए तीन महीने की अवधि होगी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत की नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को तीन महीने के भीतर ही आवेदन करना होगा। चर्चा यह है कि असम में CAA के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर केन्द्र ने यह फैसला लिया है।
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