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Corona लेकर सड़कों पर भटकता रहा Cancer मरीज, लेकिन किसी ने नहीं की मदद, फिर उठाया ये कदम

Published: Jul 10, 2020 02:13:32 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

Bihar: Corona लेकर सड़कों पर घूमता रहा कैंसर का मरीज
Patna के किसी हॉस्पिटल ने नहीं किया COVID-19 मरीज को एडमिट
मरीज में corona के कोई लक्षण नहीं, फिर भी निकला पॉजिटिव

cancer patient found corona positive in patna but aiims not admitted

कोरोना मरीज की कहानी सुनकर आपके रोंगेट खड़े हो जाएंगे।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus in India ) की चपेट में है। आलम ये है कि लॉकडाउन ( India Lockdown ) के बावजूद देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच बिहार ( coronavirus in Bihar ) से COVID-19 का ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सनसनी मचा दी है। यहां एक कोरोना पॉजिटिव ( Corona Positive ) मरीज इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा। लेकिन, उसकी किसी ने मदद नहीं की। सबसे बड़ी बात ये है कि कोरोना मरीज पहले से ही कैंसर ( Cancer ) से ग्रसित है। मदद नहीं मिलने पर मजबूरन वह अपने गांव वापस चला गया।
इलाज के लिए दर-दर भटकता रहा मरीज

जानकारी के मुताबिक, यह कोरोना मरीज पटना ( COVID-19 in Patna ) के फुलवारीशरीफ ( Phulwari Sharif ) का रहने वाला है। उसने बताया कि उसका इलाज महावीर कैंसर संस्थान ( Mahaveer Cancer Hospital Patna ) में चल रहा है। उसके मुंह में फस्ट स्टेज ( First Stage cancer ) का कैंसर है। पीडि़ता ने बताया कि उसकी जांच की गई थी, जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव ( COVID-19 Positive ) निकला। हॉस्पिटल ने फोन करके पीड़ित को कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। हॉस्पिटल प्रशासन ने पीड़ित को पटना AIIMS या किसी कोरोना हॉस्पिटल में भर्ती होने की सलाह दी।
आखिर जिम्मेदार कौन?

हॉस्पिटल से सूचना मिलने के बाद 30 वर्षीय कोरोना संक्रमित पहले बामेती पहुंचा। लेकिन, बामेती से उसे एडमिट करने से मना कर दिया और AIIMS ( Patna AIIMS ) में जाने की सलाह दी। इसके बाद वह सीधे AIIMS पहुंचा, लेकिन कोविड वार्ड ( Covid Ward ) के बाहर पहले से ही कुछ मरीज मौजूद थे। गार्ड ने कहा कि डॉक्टर्स का आदेश है कि अंदर अभी जगह नहीं है, कोई मरीज निकलेगा तो उसे एडमिट किया जाएगा। पीड़ित ने बताया कि तीन से चार घंटे तक बाहर रहने के बाद भी उसे एडमिट नहीं किया गया। मजबूरन वह अपने घर वापस लौट गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित शख्स में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिख रहे हैं। सड़कों पर वह भटकता रहा, लेकिन किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी। इतना ही नहीं उसने सर्जरी के लिए 32 हजार रुपए कैश भी जमा करा दिए हैं। इधर, AIIMS के नोडल अधिकारी ( Nodal Officer ) डॉक्टर संजीव कुमार ( Dr sanjeev kumar ) का कहना है कि मरीज में कोई लक्षण नहीं है। इसलिए, वह घर में भी क्वारंटाइन ( Home Quarantine ) हो सकता है। लेकिन, सवाल ये है कि एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में चक्कर लगाने के दौरान वह कितने लोगों के संपर्क में आया होगा। अगर, उस शख्स से कोरोना फैलता है तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा?
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