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यहां साइकिल की दुकान से भगवान के दर तक सब कैशलेस

Published: Sep 17, 2017 10:13:45 pm

Submitted by:

dinesh mishra1

गुजरात के भरूच की गुजरात नर्मदा फर्टिलाइजर एंड केमिकल (जीएनएफसी) टाउनशिप, जो देश में सबसे पहले सौ फीसदी कैशलेस हो गई

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मुकेश केजरीवाल/ भरूच। नोटबंदी तो याद है ना आपको! नकद-नारायण के बिना तब कितनी मुसीबतें हुई थी। उस दौरान तो अधिकांश लोगों ने कैशलेस लेन-देन शुरू लिया लेकिन बहुत से लोग जल्दी ही पुराने ढर्रे पर लौट गए। लेकिन यह ऐसी कॉलोनी या टाउनशिप है जहां हर काम बिना रोकड़े के ही होता है। यह है गुजरात के भरूच की गुजरात नर्मदा फर्टिलाइजर एंड केमिकल (जीएनएफसी) टाउनशिप, जो देश में सबसे पहले सौ फीसदी कैशलेस हो गई और लगातार बनी हुई है। यहां के अंबे मंदिर में आने वाले लोगों के हाथ में प्रसाद के साथ एक-सी सफेद पर्ची भी दिखाई देती है। द्वार पर पुजारी महेश भाई हाथ में कार्ड स्वाइप करने वाली पीओएस मशीन लिए खड़े हैं। लोग नए-पुराने नीले-गुलाबी नोट की बजाय कार्ड बढ़ा रहे हैं। वैसे दरवाजे पर ही भीम एप का बार कोड भी लगा है।
ग्राहक नकदी की बात तक नहीं करता
नितिन भाई की पान दुकान पर काफी लोग मौजूद हैं। मगर एक भी ग्राहक नकदी की बात तक नहीं करता। शुरुआत में थोड़ा परेशान रहे सब्जी बेचने वाले भरत भाई कहते हैं कि अब वे इससे खुश हैं। पहले महिलाएं 105 रुपए की सब्जी के सौ का नोट पकड़ा देती थीं। अब तो वे पूरे पैसे ही काटते हैं। धोबी का काम करने वाले हितेश भाई इसलिए खुश हैं कि उधारी का चक्कर खत्म हो गया। यहीं रहने वाले रमेश भाई कहते हैं अब उन्हें अपने बच्चों के खर्च पर नजर रखने में कोई दिक्कत नहीं होती।

पीओएस मशीन के 200 रुपए चार्ज
हालांकि यह रोकड़ा रहित लेन-देन लागू करना इतना आसान नहीं था। अब भी बैंक वाले पीओएस मशीन के महीने के दो सौ रुपए से ज्यादा चार्ज करते हैं उस पर से हर लेन-देन पर एक से डेढ़ फीसदी का चार्ज अलग काटते हैं। ऐसे में बिना कंपनी की सहायता के छोटे लेन-देन करने वालों के लिए यह अब भी फायदे का सौदा नहीं। इसी तरह आए दिन होती रहने वाली साइबर सेंधमारी के बीच लोगों को अपने डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा को ले कर भी चिंता रहती है।

चार हजार लोग करते हैं कैशलेस भुगतान
इस औद्योगिक कॉलनी में लगभग एक हजार घर हैं और साढ़े चार हजार लोग रहते हैं। स्कूल, अस्पताल सहित सभी सुविधाएं अंदर ही मौजूद हैं। जिस कामयाबी से जीएनएफसी ने इसे इस कॉलोनी में लागू किया है, उसे देख कर केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय पीएसयू को अपने-अपने टाउनशिप में यह व्यवस्था लागू करने की सलाह दी है। ओएनजीसी, इंडियन ऑयल और सेल जैसी बड़ी सरकारी कंपनियों ने तो यह इसके लिए पहल शुरू भी कर दी है।
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