भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने सीबीआई को भेजी शिकायत में कहा था कि निजी एजेंसी ने चौकीदारों की भर्ती प्रक्रिया में लापरवाही बरती है। इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कुछ लोगों को गैर कानूनी तरीके से सफल घोषित किया गया है। इसका नुकसान योग्य अभ्यर्थियों को हुआ। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने इस मामले में योग्य अभ्यर्थियों के साथ साजिश और धोखाधड़ी का मामला उजाकर किया। जांच के दौरान पता चला कि 96 में से कम से कम 14 अभ्यर्थियों का गलत तरीके से चयन हुआ है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ है जब लोकसभा और चार राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है। देश भर में ईमानदार चौकीदार के मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है। ऐसे में यह मुद्दा चुनाव प्रचार के दौरान जोर पकड़ सकता है। विपक्ष के लिए यह मुद्दा सियासी हथियार भी साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि एफसीआई ने दिल्ली क्षेत्र में चौकीदारों की भर्ती के लिए निजी एजेंसी इंटीग्रेटेड सॉल्यूंसस लिमिटेड को 10 अप्रैल, 2017 को ठेका दिया था। इस एजेंसी को 53 चौकीदारों की भर्ती करने को कहा गया था। 18 फरवरी, 2018 को आयोजित परीक्षा में 98,771 अभ्यर्थी शामिल हुए। लिखित परीक्षा में 171 अभ्यर्थी सफल हुए। कागजातों का सत्यापन और शारीरिक परीक्षण के बाद इनमें से 96 अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इनमें से 53 अभ्यर्थियों का चयन हुआ और 43 को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया। जब एफसीआई ने अभ्यर्थियों के चयन में गड़बड़ियां देखी तो सीबीआई के पास जांच के लिए भेज दिया था।