के नागेश्वर राव ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि संवैधानिक अदालतों के आदेश पर किसी भी मामले की जांच और निगरानी करने वाले अधिकारी अपने पद पर बने रहेंगे। नए आदेश के मुताबिक तमिलनाडु में स्टरलाइट-विरोधी प्रदर्शन गोलीबारी मामले की जांच कर रहे ए सरवनन को मुंबई की बैंकिंग, प्रतिभूति और फर्जीवाड़ा जांच शाखा में भेजा गया है। यह शाखा हीरा व्यापारियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी सहित ऋण फर्जीवाड़ा करने वालों की जांच कर रही है। स्टरलाइट-विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। आदेश में यह भी कहा गया है कि सरवनन स्टरलाइट-विरोधी प्रदर्शन गोलीबारी मामले की जांच जारी रखेंगे। सीबीआई की विशेष इकाई में तैनात प्रेम गौतम को पदमुक्त कर दिया गया है। अभी तक उनका काम सतर्कता के लिए अधिकारियों पर नजर रखना था। वह आर्थिक मामलों की जांच जारी रखेंगे। उन्हें उपनिदेशक कार्मिक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
आपको बता दें कि सीबीआई का मामला उस समय चर्चा में आया जब आधी रात को सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था। नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया था। आलोक वर्मा ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क देते हुए उन्हें बहाल कर दिया था कि उन्हें पीएम की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने नियुक्त किया था। उन्हें उसी तरह से हटाया जा सकता है। इसके बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समित की बैठक बुलाकर आलोक वर्मा को हटाने का फैसला लिया। पूर्व सीबीआई डायरेक्टर का तबादला डीजी फायर सेफ्टी के पद पर किया गया था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था कि उनकी नियुक्ति सीबीआई निदेशक के लिए की गई थी और उनका कार्यकाल दो साल के लिए फिक्स था। डीजी फायर सेफ्टी के लिए जो उम्र होती है उसे वह पहले ही पार कर चुके हैं।