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विजय माल्‍या-अरुण जेटली विवाद : सीबीआई ने माना लुकआउट सर्कुलर में बदलाव को ‘एरर ऑफ जजमेंट’

सीबीआई ने माल्‍या के खिलाफ पहला लुकआउट सर्कुलर 12 अक्तूबर, 2015 को जारी किया था।

Sep 14, 2018 / 08:13 am

Dhirendra

विजय माल्‍या-अरुण जेटली विवाद : सीबीआई ने माना लुकआउट सर्कुलर में बदलाव को ‘एरर ऑफ जजमेंट’

नई दिल्ली। विजय माल्‍या और अरुण जेटली मुलाकात को लेकर उठे विवाद तूल पकड़ने के बाद इस मामले में सीबीआई ने एक बयान जारी किया है। सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा है कि विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर में बदलाव करना ‘एरर ऑफ जजमेंट’ था। उस समय सीबीआई ने नोटिस को हिरासत से बदलकर उनके आवागमन के बारे में केवल सूचना देने तक सीमित कर दिया था। उस वक्त माल्या जांच में सहयोग कर रहे थे और उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं था। सीबीआई ने माल्‍या के खिलाफ पहला लुकआउट सर्कुलर 12 अक्तूबर, 2015 को जारी किया था। माल्या उस समय विदेश में थे।
रोकने का कोई कारण नहीं था
नए सिरे से विवाद तूल पकड़ने के बाद सीबीआई ने कहा कि नोटिस में बदलाव एरर ऑफ जजमेंट था क्योंकि वह सहयोग कर रहे थे, इसलिए विदेश जाने से रोकने का कोई कारण नहीं बनता था। इसका लाभ उठाकर दो मार्च 2016 को विजय माल्या देश छोड़कर बाहर चले गए। वर्तमान में वह ब्रिटेन में रह रहे हैं जहां वह प्रत्यर्पण का मुकदमा लड़ रहे हैं।
केवल आवागमन की सूचना मांगी थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माल्या के लौटने पर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) ने एजेंसी से पूछा कि क्या माल्या को हिरासत में लिया जाना चाहिए। इस पर सीबीआई ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है। वह वर्तमान में एक सांसद है और उनके खिलाफ कोई वॉरंट भी नहीं है। उस समय कहा गया कि एजेंसी केवल माल्या के आवागमन के बारे में सूचना चाहती है। सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उस समय जांच शुरुआती चरण में थी और सीबीआई 900 करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्टर मामले में आईडीबीआई से दस्तावेज एकत्रित कर रही थी। सीबीआई ने नवंबर, 2015 के आखिरी हफ्ते में माल्या के खिलाफ एक ताजा एलओसी जारी किया जिसमें देशभर के हवाई अड्डा प्राधिकारियों से कहा गया कि वे उन्हें माल्या के आवागमन के बारे में सूचना दें। इस सर्कुलर ने उस पहले जारी सर्कुलर का स्थान ले लिया जिसमें कहा गया था कि यदि उद्योगपति देश से जाने का प्रयास करे तो उसे हिरासत में ले लिया जाए। एलओसी इसे जारी करने वाले प्राधिकारी पर निर्भर करता है और जब तक इसमें बीओआई से किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने या किसी विमान में सवार होने से रोकने के लिए नहीं कहा जाता, कोई कदम नहीं उठाया जाता।
माल्‍या से तीन बार हुए पूछताछ के लिए पेश
माल्या ने अक्टूबर में विदेश की यात्रा की और नवंबर में लौट आए, फिर वह दिसंबर के पहले और आखिरी हफ्ते में दो यात्राओं पर गए और उसके बाद जनवरी, 2016 में भी एक यात्रा की। इस बीच वह तीन बार पूछताछ के लिए पेश हुए, क्योंकि लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए थे। इसमें वह एक बार नई दिल्ली में और दो बार मुंबई में पेश हुए।

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